उत्तर प्रदेशप्रयागराज

साध्वी सत्यप्रिया गिरि का हुआ पट्टाभिषेक

निरंजनी अखाड़े की छावनी मे महामंडलेश्वर की उपाधि से किया गया विभूषित

महाकुंभ नगर ०५ फरवरी

बीके यादव/ बालजी दैनिक

महाकुम्भ मे निरंजनी अखाड़े की छावनी में आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालका नन्द गिरी महाराज की अध्यक्षता और पंच परमेश्वरों एवं संत महापुरुषों के सानिध्य मे वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ साध्वी सत्यप्रिया गिरि, परम शक्ति पीठ, वात्सल्य ग्राम, वृंदावन, मथुरा (उत्तरप्रदेश)का पट्टा अभिषेक कर महामंडलेश्वर बनाया गया हैं।

आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालका नन्द गिरि महाराज ने कहा की संतो की वाणी जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहरे विचार और उपदेश देने का एक माध्यम होता है,

अखिल भारतीय अखाडा परिषद एवं माँ मनसा देवी मन्दिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने अपने सम्बोधन मे कहा की गुरुजन अपने शिष्यों कों सत्य के मार्ग पर चलने के लिए अग्रसर करते हैं जिससे सनातन परम्पराओं कों आगे बढ़ाया जा सके उन्होंने कहा की हम आशा करते हैं की नव नियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी सत्यप्रिया गिरि भी अखाड़ों की परम्परा का निर्वाह करते हुए उसी मार्ग पर चलेंगी जिन आदर्शो पर संत महापुरुष चलते हैं।

महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानन्द पुरी, अर्जी वाले हनुमान जी उज्जैन ने अपने संबोधन में कहा कि संत सनातन धर्म के सच्चे हितेशी होते हैं क्योंकि वे न केवल धर्म और अध्यात्म के पालन में विश्वास रखते हैं बल्कि समाज में सत्य, अहिंसा, प्रेम और भाईचारे का प्रचार भी करते हैं।

नव नियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी सत्यप्रिया गिरी ने कहा कि आज हमें गुरुजनों का आशीर्वाद मिला हैं उन्होंने कहा की गुरुजनों ने जो हमें पदभार सौंपा है हम अपने पद की गरिमा और जिम्मेदारियां को पूरी निष्ठा, ईमानदारी के साथ समर्पण की भावना से निर्वाहन करेंगे।

इस अवसर पर दादा गुरुदेव स्वामी परमानन्द गिरि, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशौका नन्द, कथा व्यास देवकीनंदन ठाकुर, अखाड़े के सचिव श्री महंत राम रतन गिरी,महंत ओमकार गिरी, महंत राधे गिरी, महंत दिनेश गिरी, दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा, कथा व्यास स्वामी चिन्मयानंद, स्वामी हरिओम गिरि महामंडलेश्वर स्वामी निरंजन ज्योति,श्री महंत शंकरा नन्द, सरस्वती महामंडलेश्वर स्वामी अनपूर्णा भारती, श्री महंत राधे गिरी, मा. म. स्वामी मीरा गिरी, , मा. म. स्वामी अनंतानंता नन्द,स्वामी बलबीर गिरि, मा. म. स्वामी ललिता नन्द गिरि,स्वामी विज्ञाना नन्द ,महंत दिनेश गिरी, महंत राकेश गिरी, महंत राज गिरी,आदि के सँग अनेक संत महापुरुष उपस्थित रहे।

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