अयोध्याउत्तर प्रदेश

‘अयोध्या के संत‘ पुुस्तक का महासचिव चंपत राय व डाॅ0 अनिल द्वारा किया गया विमोचन

अयोध्या के आध्यात्मिक विरासत को दर्शाती पुस्तक ‘अयोध्या के संत‘ का हुआ विमोचन

अयोध्या की पावन भूमि संतों द्वारा सदा सेवित रही – कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल

बलराम मौर्य / बालजी हिन्दी दैनिक
अयोध्या। रामनवमी के दिन रामनगरी में ”अयोध्या के सन्त“ पुस्तक का विमोचन रामतीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय व सदस्य डाॅ0 अनिल कुमार मिश्र द्वारा किया गया। सर्वप्रथम डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल, डाॅ0 देशराज उपाध्याय व शिरोमणि साहित्यकार प्रेम भूषण गोयल ने अपनी रचित पुस्तक प्रभु रामलला को समर्पित किया। देवताओं द्वारा निर्मित अयोध्या को श्रीराम की जन्मभूमि होने का गौरव प्राप्त है। वहीं विभिन्न कालखण्डों में उत्पन्न हुए संतो ंके जनोपयोगी और श्रेष्ठ विचार मानवता को सद्मार्ग पर चलने को प्रेरित कर रहे है। यह पुस्तक इन्ही महान संतों को समर्पित है।

रामतीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अयोध्या के संतों पर कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल के रचित पुस्तक एक असम्भव, कठिन कार्य को हाथ में लेकर सम्पन्न किया है। यह अयोध्या वासियों व देश विदेश से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए मार्ग दर्शन करेगी। वही रामतीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डाॅ0 अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि अयोध्या के अनेक प्राचीन ज्ञात, असप्त संतो की परम्परा रही है। कुलपति ने संतो ंके वैशिष्टय का संकलन पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया है। वह आने वाली संतों की पीढ़ी का मार्ग प्रशस्त करेगी। पुस्तक विमोचन पर पंजाब सरकार के डिप्टी डायरेक्टर व शिरोमणि साहित्यकार प्रेम भूषण गोयल ने बताया कि संतों ने अयोध्या तथा प्रभु श्रीराम के अपना सर्वस्व न्यौछावर कर आधुनिक स्वरूप का निर्माण किया है।

अविवि की कुलपति प्रो0 गोयल ने बताया कि प्रत्येक युग में सभी मतावलम्बियों के जिज्ञासुओं को यह अयोध्यापुरी आकर्षित करती रही है। परिस्थितियां प्रतिकूल होने पर भी यह भूमि संतों द्वारा सदा सेवित रही है। इन संतों की तप, साधना तथा उनकी दिव्य अनुभूतियां परमार्थ की प्रेरणा देते हुए मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है। इन्हीं प्रेरणाओं से अयोध्या के संतों पर पुस्तक रचित की गई है। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक को संपादित कराने में क्षेत्रीय इतिहास लेखन में गहरी रूचि रखने वाले व विवि के डाॅ0 देशराज उपाध्याय व पंजाब सरकार के शिरोमणि साहित्यकार प्रेम भूषण गोयल तथा अन्य का विशेष योगदान रहा है। इन सभी के प्रयास से ही पुस्तक का बहुउपयोगी संपादन संभव हो पाया। मालूम हो कि प्रो0 प्रतिभा गोयल, विवि की कुलपति, एक सफल शिक्षाविद् और शोधकर्ता है। उन्होंने साहित्य विषयों से इतर बालश्रम, तनाव प्रबंधन, आधुनिक जीवन और तनाव, मानव संसाधन प्रबंधन, कार्य संतुष्टि, अयोध्याः एक सुखद यात्रा, अवध के राम आदि प्रसिद्ध पुस्तके रचित की गई है। इसके अलावा कुलपति प्रो0 गोयल हिन्दी, पंजाबी और अंग्रेजी में साधिकार लिखती है। इसके अतिरिक्त महत्वपूर्ण पुस्तकों को संपादन किया है। प्रो0 गोयल की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों व शोधार्थियों ने बधाई दी।

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