उत्तर प्रदेशप्रयागराज

सत्य की खाेज कठिन, अनुसंधान है सत्य का अन्वेषण – प्राे० बिहारी लाल शर्मा (कुलपति)

प्रयागराज -21.11.2024

(एनजीबीयू में एकेडमिक लेखन विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ)

नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय, प्रयागराज में शिक्षक शिक्षा विभाग एवं समाज कार्य विभाग द्वारा एकेडमिक लेखन विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बताैर मुख्य अतिथि सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के प्राे० बिहारी लाल शर्मा ने सम्बाेधित करते हुए कहा कि सत्य की खाेज बड़ी कठिन है और अनुसंधान सत्य का अन्वेषण है। शाेध शब्द अायुर्वेद में प्रयाेग किया गया, जिसे कहा गया परिष्करण के साथ, प्रमाणिकता के साथ शाेध काे किया जाय। सत्य काे प्राप्त करने के लिए वैराग्य भाव रखना चाहिए। सत्य तक पहुंचने के लिए स्वर्ण काे हटाना हाेगा। शाेध में सत्य के लिए गहराई में जाे उतरता है वही माेती प्राप्त कर पाता है। परिणाम के आधार पर आगे भी प्रमाणिकता आती है। कुलाधिपति मनीष मिश्र ने अपने उद्बाेधन में कहा कि शाेध किसी भी विश्वविद्यालय के लिए आवश्यक है। हमारा फाेकस शाेध और नवाचार के लिए हाेना चाहिए। किसी भी विश्वविद्यालय की पहचान उसके शाेध कार्याें से स्थापित हाेती है। कुलपति प्राे० राेहित रमेश ने कहा कि आधुनिक तकनीक के इस दाैर में माैलिकता के साथ शाेध कार्य पर ध्यान देना चाहिए। चैट जीपीटी जैसी तकनीक का सतर्कता के साथ उपयाेग पर बल दिया। जगद्गुरू राम भद्राचार्य राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट के कुलपति प्राे० शिशिर पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि जेएन मिश्र जी लाेक मंगल के अन्वेषक हैं। उन्होंने ग्रामीणांचल में यह विश्वविद्यालय स्थापित किया। कहा कि अकादमिक लेखन से पहले गम्भीरता पूर्वक अध्ययन जरूरी। शाेध में कुप्रवृत्तियाें से बचते हुए शाेध और ज्ञान विज्ञान काे राष्ट्र काे समर्पित करने की बात कही। प्रतिकुलपति डॉ० एस०सी० तिवारी ने शाेध काे थ्रस्ट एरिया पर आधारित करने पर बल दिया। बीएचयू के प्राे० याेगेंद्र पाण्डेय ने अनुसंधान की गुणवत्ता में जाे कमियाँ आ रही हैं उन पर प्रकाश डाला। कार्यशाला के निदेशक एवं विभागाध्यक्ष शिक्षक शिक्षा डॉ देवेंद्र यादव ने स्वागत भाषण दिया। श्री एस०एस० मिश्रा ने विश्वविद्यालय का परिचय दिया। डॉ० पवन कुमार दुबे ने कार्यशाला का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यशाला समन्वयक डॉ० पुष्पांजलि पाल रहीं। संचालन डॉ० प्रमाेद कुमार मिश्र ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्राे० भावेश चंद्र दुबे ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, शाेधार्थी एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में माैजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button