कुंडलिनी जागृति द्वारा आत्म साक्षात्कार
प्रयागराज २१ जनवरी
बीके यादव/बालजी दैनिक
“आत्मज्ञान,संतुलन,समाधान, शांति, प्रेम, आध्यात्मिक उत्थान और आरोग्य के लिए कुंडलिनी जागृति द्वारा आत्मसाक्षात्कार
सहज योग से शारीरिक, मानसिक शांति,समाधान व आध्यात्मिक संतुलन मिलता है प्रयागराज में महाकुंभ २०२५ के आत्मसाक्षात्कार शिविर के सुअवसर पर दिनांक १८जनवरी २०२५ को सहजयोग ध्यान की जानकारी दी गई जानकारी देते हुए सहजयोग के श्री चन्द्रकांत जी ने बताया कि ध्यान किया नहीं जा सकता हम ध्यान की स्थिति में चले जाते हैं यह एक स्वतः होने वाली प्रक्रिया है, व्यक्ति के विचार या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्य काल में। जब हम अत्यधिक भूतकाल या भविष्य काल के विचारों में चले जाते हैं तो शरीर में तनाव आ जाता है और हमें शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक असंतुलन आ जाता है श्री माताजी निर्मला देवी द्वारा बताएं सहजयोग ध्यान करने से हम स्वयं ही निर्विचार अवस्था को प्राप्त कर जाते हैं और वर्तमान की स्थिति में आ जाते हैं ।
सकारात्मक सोच के लिए सहजयोग ध्यान बहुत कारगर है। श्री माताजी निर्मला देवी ने 5 मई 1970 से गुजरात नारगोल से सहजयोग की शुरुआत की थी ,आज विश्व के 170 से ज्यादा देशों के लाखों लोग सहजयोग ध्यान का लाभ प्राप्त कर रहे हैं यह एक स्वतः होने वाली प्रक्रिया है जिसमें हम शरीर में उपस्थित तीनों नाड़ियां इड़ा, पिंगला, सुषुम्ना व सात चक्रों में कुंडलिनी जागरण से संतुलन प्राप्त करते हैं। अंत में आए हुए सभी साधको को कुंडलिनी जागरण से आत्म साक्षात्कार की अनुभूति कराई गई।
इस अवसर पर चन्द्रकान्त,आयूष,अजय,श्रीमतीबबीता आदि दर्जनों सदस्य मौजूद थे।
सहज योग 10 जनवरी से 26 फरवरी तक सभी साधकों को निःशुल्क ध्यान और आत्म-साक्षात्कार देगा।
1500 से अधिक सहज योग अभ्यासकर्ता जो शिक्षक, इंजीनियर, डॉक्टर, आईएएस अधिकारी, सैन्य अधिकारी और मानव संसाधन हैं, नए साधकों को आत्म-साक्षात्कार का अनुभव देने के लिए उपस्थित रहेंगे।
10 जनवरी से 19 जनवरी के बीच 1 लाख से अधिक साधकों ने प्रयागराज महाकुंभ में सहज योग तम्बू में आत्म-साक्षात्कार प्राप्त किया है।