उत्तर प्रदेशगोण्डा

नगर पालिका की दुकानों के आवंटन में गंभीर अनियमितता,आयुक्त से शिकायत

पीड़ित दुकानदारों ने दुकान आवंटन प्रक्रिया को निरस्त कराते हुए नये सिरे से किसी सक्षम अधिकारी के देख-रेख में खुली बैठक कराते हुए आवंटन की कार्यवाही करवाते हुए पुराने किरायेदारों को दुकान आवंटित कराने की उठाई मांग

आयुक्त ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अपर जिलाधिकारी गोंडा को सौंपी जांच

अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक

गोंडा। जिले के नगर पालिका परिषद करनैलगंज द्वारा निर्मित करायी गयी दुकानों के आवंटन प्रक्रिया में चेयरमैन प्रतिनिधि व तत्कालीन ईओ द्वारा बरती जा रही गंभीर अनियमितताओं व मनमानी रूप से हो रही अवैध वसूली के सम्बन्ध में मंडलायुक्त देवीपाटन मंडल गोंडा को प्रार्थना पत्र देकर पीड़ित दुकानदारों ने उक्त दुकान आवंटन प्रक्रिया को निरस्त कराते हुए नये सिरे से निष्पक्ष रूप से किसी सक्षम अधिकारी के देख-रेख में खुली बैठक कराते हुए आवंटन की कार्यवाही कराकर पुराने किरायेदारों को दुकान आवंटित कराने की मांग की है।

नगर पालिका परिषद करनैलगंज के निवासी मो० अहमद पुत्र अब्दुल हमीद (दुकान नं0-4), इशरत अली पुत्र असरफ अली (दुकान नं0-5), मो० जाकिर पुत्र मो० नसीर (दुकान नं0-7) ने मंडलायुक्त को दिए गए प्रार्थना में कहा है कि करनैलगंज नगर पालिका के फजल अली मार्केट में दुकान नं0-4,5,7 में वह लगभग 20 वर्ष से किरायेदार हैं और उसी से अपने परिवार का जीविकोपार्जन कर रहे हैं। कुछ माह पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि रामजी लाल व तत्कालीन ई० ओ० धनुषधारी सिंह हम लोगों के दुकान पर आये और कहा कि मार्केट को नये सिरे से बनवाना है। तुम लोग दुकान खाली कर दो। प्रार्थीगण ने कहा कि अभी दुकान सही है और जर्जर नहीं है। अभी बनवाने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन वे नहीं माने और कहा कि आप लोग पुराने किरायेदार है। दुकान बनने के बाद आप लोगों को दुकान दिया जायेगा। उन लोगों को नगर पालिका बुलाया गया जहां पर अध्यक्ष के कमरे में चेयरमैन प्रतिनिधि रामजी लाल ने एक सादे कागज पर सबसे अलग-अलग हस्ताक्षर बनवाया। जब लोगों ने पूछा कि इस पर कुछ लिखा क्यो नहीं है। उन्होंने कहा कि नये दुकान का फार्मेट इसी पर छपेगा। प्रार्थीगणों ने हस्तक्षेप किया व 1000 रुपए आधार कार्ड की छायाप्रति व फोटो दी। पीड़ित दुकानदारों से दुकान खाली करा ली गयी। जब दुकान बनकर तैयार हुई तो चेयरमेन प्रतिनिधि ने कहा कि 6,20,000/-रू० (छह लाख बीस हजार रुपए) लाओ तब दुकान मिलेगी। पीड़ित दुकानदारों ने जब पैसे देने में असमर्थता जतायी तो नगर पालिका बुलाया और कहा कि अब 10 लाख रूपये पड़ेगा,लेना हो तो लो वर्ना दुकान खाली नहीं है। और रसीद 3 लाख व 4 लाख की देंगे। उन दुकानदारों की दुकान जो अधिक पैसा दे रहा है उसको आवंटन किया जा रहा हैं और वह लोग नगर पालिका के चक्कर लगाने को विवश हैं,लेकिन दुकान नहीं दी जा रही है। जिससे उन लोगों का परिवार भुखमरी के कगार पर है। पीड़ित दुकानदारों ने उक्त दुकान आवंटन प्रक्रिया को निरस्त कराते हुए निष्पक्ष व नये सिरे से किसी सक्षम अधिकारी के देख-रेख में खुली बैठक कराते हुए दुकान आवंटन की कार्यवाही कराकर पुराने किरायेदारों को दुकान आवंटित कराने की मांग की है।जिससे उन लोगों के परिवार का जीविकोपार्जन हो सके। दुकानदारों ने बताया कि मंडलायुक्त ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अपर जिलाधिकारी गोंडा को जांच सौंपी है।

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