अयोध्याउत्तर प्रदेश

सिद्ध पीठ श्रीविजय राघव मन्दिर रामघाट अयोध्या में राम कथा की हो रही सुधा वृष्टि

अयोध्या धाम । श्री विजय राघव मन्दिर में रामघाट अयोध्या धाम में राम कथा की अमृत वर्षा हो रही है l जिसमें कथा व्यास श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी अत्मानंद पुरी जी महाराज के मुखारविंद से राम कथा की अमृत वर्षा हो रही है l जिसको कई प्रदेशों से आये भक्त, संत महंत अमृत पान कर रहे है l महामंडलेश्वर स्वामी अत्मानंद पुरी जी महाराज श्री मुख से हो रही श्री राम कथा की सुधा वृष्टि में भक्त सराबोर हो रहे हैं। महामंडलेश्वर स्वामी अत्मानंद पुरी जी महाराज ने कहा कि रामायण का तात्पर्य जिससे श्री राम जी प्राप्त हो जाएं। भगवान श्री राम का दोष बन जाय तो उसका शमन भगवान शिव है और यदि शिव जी का दोष बन जाय तो भगवान श्री राम हैं। यशस्वी कथा व्यास ने भक्तों को श्री राम कथारस का पान कराते हुए कहते हैं राम जी उदार नहीं उदारा हैं। गोस्वामी जी ने राम चरित्र मानस लिख कर राम जो को इतना सरल बना दिया कि सभी के समझ में आ जाय। व्यास जी कहते है गोस्वामी जी कहते है ये जो ग्रन्थ है इसकी रचना मैने नहीं की है इसे महादेव ने अपने मानस में रखा था,आदि रामायण तो वाल्मीकि रामायण है। वाल्मीकि महाराज ही तुलसी बनकर आए। तुलसी दास जी ने जितने भी ग्रन्थ लिखे सब का शुभारंभ वा शब्द से किया। राम चरित्र मानस का गोस्वामी जी ने शुभारंभ किया तो पहला अक्षर वा से किया। व्यास जी कहते हैं जिसके जीवन में श्रद्धा नहीं है तब तक ना श्रद्धा होगी तब तक ना अंतःकरण मिलेगा,ना व्यवहार मिलेगा। श्रद्धा स्थिर नहीं अस्थिर है,महादेव विश्वाश हैं। भगवान को प्रत्येक लीला को जो निष्ठा से देख रहा है उसका नाम है विश्वास। बिना श्रद्धा,विश्वास के आपके भीतर जो परमात्मा है उसका आप दर्शन नहीं कर सकते।तुलसी दास जी कहते हैं मेरे गुरु,माता,पिता सब कुछ भगवान शिव,माता पार्वती हैं। जिसने सेवा करना नहीं सीखा वह जीवन में भक्ति नहीं कर सकता। तुलसी दास जी के तीन गुरु है प्रथम भगवान शिव,दूसरे नरहरीदास जी महाराज और तीसरे गुरु राम चरित्र मानस है। गोस्वामी जी कहते है समर्थ गुरु के आश्रित हो जाने से मनुष्य उसी प्रकार पूज्य हो जाता है जिस प्रकार टेढ़ा चन्द्रमा भी भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान हो कर पूज्य हो जाता है। व्यास जी कहते है भगवान श्री सीता राम के गुण समूह का जान लेना चाहते हो तो महर्षि वाल्मीकि जी और श्री हनुमान जी का आश्रय लेना होगा। भगवान के गुण के आरण्य को यदि पार करना है तो दोनों महापुरुषों का सहारा लेना होगा। व्यास जी कहते है जो चराचर में व्याप्त है उसे सीता कहते हैं,जो जीव के क्लेश का हरण कर लेती है उसका नाम सीता है,जो राम जी को अपने वश में कर ले उसका नाम सीता है l राम कथा को संत,महंत एवं कथा श्रोता भक्त श्री राम कथा रस का पान कर स्वयं को कृतार्थ करते रहे। कथा नित्य सुबह 8:00 बजे से दोपहर 12:00 ब सभीजे तक संचालित हो रही है

उक्त कार्यक्रम में राम कथा श्रवण हेतु पंजाब हरियाणा दिल्ली हरिद्वार भटिंडा गुरदासपुर महाराष्ट्र आदि स्थानों से राम कथा श्रवण हेतु राम भक्त पधारे हैं मुख्य रूप से भटिंडा से चावला जी कथावाचक साध्वी गीता रामायणी पंजाब से रजनी दीदी राजू दीदी आज सैकड़ो श्रोता भक्ति गण उपस्थित रहे

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