उत्तर प्रदेशगोण्डा

सिद्धपीठ लक्ष्मणदास जी महराज जहाँ जिन्दा ली थी समाधी

शिवकुमार पाण्डेय गुरूजी/ बी न्यूज हिंदी दैनिक

तरबगंज गोण्डा।
स्थानीय थानाक्षेत्र के गौहानी गाँव मे सिद्ध पीठ लक्ष्मणदास जी महराज का मन्दिर है जहाँ महराज जी ने जिन्दा समाधी ली थी जो एक दिव्यपुरूष थे उनकी समाधी पर मंगलवार व शनिवार को मेला लगता है।

बतादे की स्थानीय थानाक्षेत्र के गौहानी गाँव में सिद्ध पीठ लक्ष्मणदास महराज का बहुत पुराना मन्दिर है जहाँ लक्ष्मणदास जी ने जीतेजी समाधि ले ली थी गाँव के लोगो ने बताया की लगभग दो सौ वर्ष पहले लक्ष्मणदास जी महराज यहाँ आये थे व रहने केे लिए यही पर एक कुटी बनाली थी और यही तपस्या करने लगे थे कुटी के बगल में पानी के लिए एक पोखरा बनवाया था जिसमे स्नान करते थे एक गाय भी थी जो हमेशा दूध देती रहती थी जब अंतिम घरी चल रही थी तो गाँव वालो को बुलाकर गडढ़ा खुदबाया और जीतेजी समाधि ले ली थी तबसे इस समाधि पर मंगलवार व शनिवार को मेला लगता है और काफी दूर दूर से लोग दर्शन करने आते है यहाँ यैसी मान्यता है की जो भी भक्त सच्चे दिल से प्रार्थना करता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है यहाँ के सर्वराकार पं तिलकराम उपाध्याय जी है जो अध्यापक के पद पर थे उनके पुत्र बिजय कुमार उपाध्याय ने इस मन्दिर का जीर्णोद्धार कराया है।

पहले ये समाधी स्थल ही था बाद में भगवान भोलेनाथ व हनुमान जी के मन्दिर बनाये गए पीने के लिए शुद्ध पानी की ब्यवस्था की गई इंडिया मार्का टू हैण्डपम्प लगाया गया है जीर्ण शीर्ण अवस्था में ही मन्दिर पड़ा हुआ था जिसे मन्दिर के सर्वराकार पं.तिलकराम उपाध्याय के पुत्र व मन्दिर के महन्थ विजय कुमार उपाध्याय ने मन्दिर के जीर्णोद्धार के लिए बीड़ा उठाया और पूरे मन्दिर परिसर के किनारे बाउण्ड्री बनवाई और दो गेट लगाये गए वही मन्दिर में संतसमागम व कथा प्रवचन के लिए एक हाल नुमा कमरा बनवाया और मन्दिर के बगल स्थापित पोखरा का सौन्दर्यीकरण करवाया जिससे आने वाले लोग स्नान ध्यान कर सके मन्दिर के महन्थ विजय कुमार उपाध्याय ने बताया की की एक दिन अचानक हमे प्रेरणा मिली की मन्दिर का जीर्णोद्धार करावो जैसे किसी ने आकर कहा हो उसी दिन से काम शुरू करवा दिया जो महराज जी की कृपा से सब पूरा हो गया है।

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