गल्ला मण्डी उरई में चल रही श्रीमद् भागवत कथा पुराण एवं यज्ञ में आखिरी दिन उमड़ी भारी भीड़
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जीवन में असत्य से बड़ा कोई पाप नहीं है : श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज
उरई(जालौन)। शहर के राठ रोड स्थित गल्ला मंडी में चल रहे श्री विष्णु महायज्ञ के चौथे दिवस सोमवार को कथा के दौरान पूज्य महाराज श्री देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने भक्तों को बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को हमेशा प्रेमपूर्वक और मधुर वाणी में बात करनी चाहिए, क्योंकि कटु वचन न केवल दूसरों को आहत करते हैं बल्कि हमारे अपने जीवन में भी नकारात्मकता लाते हैं। गिरिराज जी महाराज की पूजा करना अत्यंत फलदायी और कल्याणकारी होता है। उन्होंने कहा कि गोवर्धन पर्वत स्वयं भगवान श्रीकृष्ण का ही स्वरूप हैं, और इनकी आराधना करने से भक्तों को श्रीकृष्ण की कृपा सहज ही प्राप्त हो जाती है। गिरिराज जी की पूजा करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। विशेष रूप से गोवर्धन पूजा, कार्तिक मास, गुरु पूर्णिमा, और अन्य पावन तिथियों पर गिरिराज जी की परिक्रमा करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। जो भी भक्त सच्चे हृदय से गिरिराज जी महाराज की पूजा करता है और छप्पन भोग अर्पित करता है, उसके जीवन में सभी बाधाएँ समाप्त हो जाती हैं। गिरिराज जी की कृपा से घर में सुख, शांति, समृद्धि और भक्ति का संचार होता है। सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार-प्रसार के लिए हमें एकजुट होकर कार्य करना होगा। वर्तमान समय में जिस प्रकार से सनातन धर्म और इसकी परंपराओं को चुनौती दी जा रही है, उसे देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि हम सब मिलकर “सनातन बोर्ड” की स्थापना करें और इसके संरक्षण एवं प्रसार के लिए संगठित प्रयास करें। प्रेम और विनम्रता से बात करने वाला व्यक्ति समाज में आदर प्राप्त करता है और उसके संबंध भी मधुर बने रहते हैं। आजकल लोग तीर्थ यात्रा को केवल पर्यटन या मनोरंजन का साधन बना रहे हैं, जो कि उचित नहीं है। कुछ लोग सिर्फ सेल्फी लेने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए तीर्थ स्थलों पर जाते हैं ।
जब भी कोई व्यक्ति तीर्थ यात्रा करे, उसे सच्चे मन से पूजा-अर्चना करनी चाहिए, धार्मिक अनुष्ठान करने चाहिए और अपने आचरण को शुद्ध रखना चाहिए।
जीवन में असत्य से बड़ा कोई पाप नहीं है। झूठ बोलना न केवल हमारे चरित्र को गिराता है, बल्कि समाज में अविश्वास और अनैतिकता को भी बढ़ावा देता है।
वर्तमान समय में यह चिंता का विषय है कि बच्चे भी झूठ बोलने की प्रवृत्ति अपना रहे हैं, जिससे समाज में नैतिकता का पतन हो रहा है। यदि यही प्रवृत्ति बढ़ती रही, तो आने वाले समय में समाज का संतुलन बिगड़ सकता है। इसलिए सत्य को अपनाना और झूठ से बचना अत्यंत आवश्यक है।जिस समाज में अधर्म बढ़ता है, वहां विनाश निश्चित होता है। अधर्म का विस्तार समाज में अराजकता, अन्याय और दुख का कारण बनता है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि जब-जब अधर्म और अन्याय ने समाज में पैर पसारे, तब-तब उसका नाश हुआ है। इसलिए धर्म के मार्ग पर चलना, सत्य और न्याय की रक्षा करना हर व्यक्ति का कर्तव्य होना चाहिए।दान एक ऐसा कर्म है जो व्यक्ति को आत्मिक सुख प्रदान करता है और उसे ईश्वर के समीप ले जाता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार दान अवश्य करना चाहिए और जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए।