श्रीमद्भागवत कथा कहा भगवान प्रेम के भूखे है
कुठौंद जालौन, धामनी गाँव मे चल रही श्रीमद्भागवत में नटखट नन्दलाला के मनमोहक लीलाओं का वर्णन कथा कथा बाचक पंडित विमलेश त्रिवेदी जी महाराज चित्रकूट धाम द्वारा स्रोताओं को बड़े रसमय भाषा मे कथा सुनाई।इस कथा बाचक ने भक्त के भाव से भगवान के मिलने का वर्णन किया।
उन्होंने ने स्रोताओं से कहा कि भगवान प्रेम के भूखे है उन्हें वाह्य आडंबर नही चाहिए।
गोपियां भक्त भाव से भगवान कृष्ण से प्रेम करती थी। वे उनकी मटकी फोड़ती माखन चुराती थी।
कथा बाचक पंडित विमलेश त्रिवेदी जी महाराज ने स्रोताओं को बताया कि भगवान कृष्ण यशोदा के अहंकार पर नही बंधे ,
पर जब माँ का प्रेम जागा तो भगवान बंध गए। ओर मिट्टी खाई , मुख में यशोदा माँ को मुख में ब्रम्हांड दिखाया।तो यशोदा माँ का घमंड दूर हो गया।
इसी लिए हमेशा भगवान प्रेम के भूखे है।
साथ मे कथा बाचक ने बामन भगवान की कथा और कृष्ण जन्म की कथा का भी श्रवण कराया।
कथा के उपरांत परीक्षत भूपसिंह गुर्जर और उनकी पत्नी ने सभी स्रोताओं को आरती प्रसाद वितरण कराया।
प्रसाद वितरण के सहयोग में दीपू योगेंद्र मानवेन्द्र अरुण युवराज आदि रहे।