लेखक गांव में Late Atal Bihari Vajpayee की मूर्ति का अनावरण
मुख्यमंत्री धामी, पत्रकार रजत शर्मा हुए शामिल
देहरादून, 26 दिसंबर: पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी(Late Atal Bihari Vajpayee) की जन्म शताब्दि के अवसर पर थानो स्थित लेखक गांव में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल एवं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने लेखक गांव में नालंदा पुस्तकालय एवं अनुसंधान केन्द्र का उद्घाटन और 72 फीट ऊँचा राष्ट्रीय ध्वज स्तम्भ स्थापित किया।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी(Late Atal Bihari Vajpayee) की जयंती के अवसर पर लेखक गांव में अटल जी की मूर्ति के अनावरण और उनकी स्मृति पर आधारित व्याख्यानमाला का आयोजन कराना एक सराहनीय पहल है। ऐसे आयोजन से अटल जी द्वारा देश के लिए विभिन्न क्षेत्रों में दिये गये योगदान को आने वाली पीढ़ियों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अटल जी विराट व्यक्तित्व के धनी थे। राष्ट्रहित में उनके द्वारा शुरू किये गये कार्यों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं। अटल जी संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देने वाले पहले प्रधानमंत्री थे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि लेखक गांव में अटल जी की स्मृति पर आधारित व्याख्यानमाला से लोगों को उनके जीवन के अनेक पहलुओं को जानने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी(Late Atal Bihari Vajpayee) की जन्म जयंती के अवसर पर उनका स्मरण किया। उन्होंने कहा कि एक कवि, वक्ता और देश के प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी के कार्यों, विचारों और दूरदर्शिता ने देश को हमेशा एक नई दिशा देने का काम किया। वे देश में समानता और सामाजिक समरसता सुनिश्चित करने के प्रति सदा समर्पित रहे। अटल जी जब भारत के प्रधानमंत्री थे, उनके नेतृत्व वाली सरकार ने ही उत्तराखंड की स्थापना कर हमारेे सपनों को साकार करने का काम किया। यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है कि आज अटल जी की जयंती पर लेखक गांव में उनकी भव्य मूर्ति का अनावरण किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी का कवि, लेखक और विचारक के रूप में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। “लेखक गांव“ देशप्रेम, साहित्य सृजन और शिक्षा के प्रति स्व. अटल जी की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने का एक गंभीर प्रयास लगता है। लेखक गांव, शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण साहित्य और कला के साधकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। उन्होंने इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लेखक गांव अतीत की गूंज, वर्तमान की ऊर्जा और भविष्य की संभावनाओं को एक मंच पर लाने का एक प्रमुख माध्यम बनकर उभर रहा है। आज यहां अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति व्याख्यान माला का शुभारंभ हो रहा है, जो निश्चित रूप से विचारों, संवादों और चिंतन के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि लेखक गांव की संकल्पना के प्रेरणा स्रोत पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी(Late Atal Bihari Vajpayee) हैं। उनका साहित्य और साहित्यकारों के प्रति विशेष लगाव था। उनकी सोच थी कि साहित्य क्षेत्र से जुड़े लोगों के हित में कार्य हों। इस अवसर पर पद्म भूषण रजत शर्मा ने अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति पर आधारित व्याख्यानमाला में उनके जीवन से जुड़े अनेक संस्मरण सुनाये। इस अवसर पर मुख्य कार्याधिकारी फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया मे.ज. अशीम कोहली (से.नि), निदेशक स्पर्श हिमालय फाउण्डेशन विदुषी निशंक, साहित्यकार डॉ. अरूण शर्मा, डॉ. सविता मोहन एवं साहित्य से जुड़े अन्य लोग उपस्थित थे।