अयोध्याउत्तर प्रदेश

विद्यार्थियों ने उत्तर प्रदेश की गौरवशाली साहित्यिक परंपरा को पोस्टरों पर जीवंत किया

अवध विवि की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन

बलराम मौर्य / बालजी दैनिक
अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की स्वर्ण जंयती के उपलक्ष्य में कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल के कुशल मार्ग-दर्शन में पीएम-उषा योजनान्तर्गत प्रौढ़ एवं सतत शिक्षा विभाग में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। ‘उत्तर प्रदेश के साहित्यकार एवं कवि‘ विषय पर आयोजित प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश के महान साहित्यकारों एवं कवियों की साहित्यिक धरोहर से अवगत कराना और उनके योगदान को समझने के लिए प्रेरित कराना है। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने उत्तर प्रदेश की गौरवशाली साहित्यिक परंपरा को अपने पोस्टरों के माध्यम से दर्शाया। विद्यार्थियों ने गोस्वामी तुलसीदास, संत कबीर, मुंशी प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, अमृतलाल नागर, भगवतीचरण वर्मा जैसे महान साहित्यकारों एवं कवियों के चित्रों, उनकी प्रसिद्ध रचनाओं और प्रेरणादायक संदेशों को आकर्षक एवं रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया। इसमें प्रतिभागियों ने विभिन्न माध्यमों का उपयोग करते हुए इन साहित्यकारों की कृतियों और उनके योगदान को पोस्टरों के माध्यम से जीवंत रूप दिया। कुछ विद्यार्थियों ने तुलसीदास की ‘रामचरितमानस’, कबीर के दोहों, प्रेमचंद की सामाजिक यथार्थवादी कहानियों, महादेवी वर्मा की कविताओं, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के छायावादी काव्य तथा अन्य साहित्यकारों की रचनाओं को विशेष रूप से उकेरा। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. अनूप कुमार ने बताया कि बताया कि ‘उत्तर प्रदेश की भूमि साहित्यिक और काव्य परंपरा की समृद्ध धरोहर रही है। यह राज्य अनेक महान कवियों और साहित्यकारों की जन्मभूमि एवं कर्मभूमि रहा है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों को इन विभूतियों के विचारों, लेखन शैली और उनके सामाजिक योगदान से परिचित कराना है।‘ उन्होंने आगे कहा कि साहित्य न केवल समाज का दर्पण होता है, बल्कि यह समाज को दिशा देने का कार्य भी करता है। उत्तर प्रदेश के साहित्यकारों ने अपनी लेखनी के माध्यम से सामाजिक सुधार, राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विद्यार्थियों के लिए यह आवश्यक है कि वे इन महापुरुषों की रचनाओं को पढ़ें, समझें और अपने जीवन में आत्मसात करें। इस प्रतियोगिता का संचालन डॉ. प्रतिभा त्रिपाठी, रत्नेश यादव, विनय शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर विनीता पटेल, शालिनी पांडे, डॉ. सरिता पाठक एवं अन्य शिक्षक उपस्थित रहे ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button