सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने जेलों में उत्पाद बना रहे बंदियों के हुनर को सराहा
-सुप्रीम कोर्ट के न्याधीश बीआर गवई और न्यायाधीश विक्रम नाथ ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के नए परिसर का किया उदघाटन
लखनऊ: गोमतीनगर विस्तार स्थित उप्र.राज्य सेवा विधिक प्राधिकरण के नए परिसर में बंदियों के निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी गई। कारागार विभाग के एक जेल एक प्रोडक्ट प्रदर्शनी में बंदियों द्वारा बनाए गए सोफा,फर्नीचर, भगवान श्रीकृष्ण की पोशाक व मुकुट, मिट्टी के खिलौने, बैग, साज सज्जा का सामान, खेलकूद का सामान, गार्डेन अम्ब्रेला, ताला व कपड़े आदि उत्पाद रखे। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश विक्रम नाथ ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर उत्पादों की सराहाना की। प्राधिकरण के नए परिसर का उदघाटन किया।
न्यायमूर्ति ने कहा कि बंदियों में प्रतिभा की कमी नहीं है। जेल में आकर खुद को तराश रहे हैं। आत्म निर्भर बनकर आमदनी भी जुटा रहे हैं। यह बंदी जेल से छूटने के बाद खुद को स्थापित कर सकेंगे। न्यायिक अधिकारियों ने बंदियों के पुनर्वास के लिए विभाग द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और उनकी सामाजिक पुनर्वास की दिशा में चल रहे कार्यों की प्रशंसा की। डीआईजी जेल डॉ. रामधनी ने बताया कि डीजी पीवी रामाशास्त्री के निर्देशन में प्रदेश की 36 जेलों में विभिन्न उत्पाद बनाए जा रहे हैं। जेलर रितिक प्रियदर्शी ने बताया कि जेलों में बने उत्पादों की बिक्री के लिये कई जेलों के बाहर आउट लेट संचालित किये जा रहे हैं। इस मौके पर प्राधिकरण के जिला जेल लखनऊ के अधीक्षक ब्रजेन्द्र सिंह, जेलर रितिक प्रियदर्शी, डिप्टी जेलर वीरेन्द्र विक्रम और अंकित मौजूद रहे।