मानव जीवन में सदगुरु की परम् आवश्यकता : स्वामी श्रीरामप्रपन्नाचार्य महाराज
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन।रामनगर कॉलोनी स्थित आचार्य कुटी (श्रीकृष्ण मन्दिरम्, दिव्य देश) में पावन कार्तिक मास के उपलक्ष्य में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ पर आसीन जगद्गुरु स्वामी श्रीरामप्रपन्नाचार्य महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी के द्वारा देश-विदेश से आए सैकड़ों भक्तों-श्रद्धालुओं को भक्ति की महिमा बताते हुए कहा कि मानव जीवन में सदगुरु का आश्रय लिए बिना प्रभु की भक्ति मिलना संभव नहीं है।जिस प्रकार नदी पार करने के लिए नौका की आवश्यकता होती है,उसी प्रकार भवसागर पार करने के लिए एवं प्रभु भक्ति पाने के लिए हमें सदगुरु की परम् आवश्यकता होती है।इसीलिए हमें अपने जीवन में सदगुरु अवश्य बनाने चाहिए।जिससे कि हमारा कल्याण हो सके।
पूज्य महाराजश्री ने कहा कि बाल भक्त ध्रुव ने अपनी माता के वचनों को मानकर नारायण की प्राप्ति के लिए सदगुरु के रूप में स्वयं देवर्षि नारद मुनि का आश्रय लिया।उन्हीं की कृपा और गुरुमंत्र के फलस्वरूप बाल भक्त ध्रुव को 5 वर्ष की आयु में भगवान नारायण की प्राप्ति हुई।
इससे पूर्व महोत्सव के मुख्य यजमान ब्रजेश लवानिया, बिंदु लवानिया, यति लवानिया, गोल्डी लवानिया (जयपुर हाउस, आगरा) ने वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य श्रीमद्भागवत ग्रंथ व व्यासपीठ का पूजन-अर्चन किया।रात्रि को प्रख्यात रासमण्डली के द्वारा रासलीला का अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, शरणागति आश्रम के महंत बिहारी दास भक्तमाली, श्रीराम कथा मर्मज्ञ स्वामी भानुदेवाचार्य महाराज, स्वामी मधुसूदनाचार्य ब्रह्मचारी, डॉ. रामदत्त शास्त्री, आचार्य अखिलेश शास्त्री, डॉ. राधाकांत शर्मा, रामेश्वर दयाल शर्मा, जीतू पाण्डेय, अर्जुनदास, रामजी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।