उत्तर प्रदेशप्रयागराज

स्वामी,महेशा नन्द गिरि का हुआ पट्टा अभिषेक

निरंजनी अखाड़े की छावनी मे महामंडलेश्वर की उपाधि से किया गया विभूषित

महाकुंभ नगर ०२ फरवरी

बीके यादव/ बालजी दैनिक
महाकुम्भ मे निरंजनी अखाड़े की छावनी में आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालका नन्द गिरी महाराज की अध्यक्षता और पंच परमेश्वरो एवं संत महापुरुषों के सानिध्य मे वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ स्वामी महेशा नन्द गिरि, ग्राम मिसरपुर,लक्सर रोड,हरिद्वार का पट्टा अभिषेक कर महामंडलेश्वर बनाया गया हैं।इस अवसर पर पट्टा अभिषेक के कार्यक्रम मे पहुचे माननीय राज्यपाल (लक्षद्वीप) प्रफुल पटेल ने भी सभी संत महापुरुषों कों माला पहना कर स्वागत किया।

आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालका नन्द गिरि महाराज ने कहा की संतो की वाणी जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहरे विचार और उपदेश देने का एक माध्यम होता है, जो हमें आत्म-सुधार, समाज सेवा और भगवान के प्रति श्रद्धा को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है।

अखिल भारतीय अखाडा परिषद एवं माँ मनसा देवी मन्दिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा की संत यह सिखाते हैं कि भक्ति और श्रद्धा भगवान की सबसे महत्वपूर्ण पूजा है। यह जीवन को सशक्त और शांतिपूर्ण बनाती है।संत अपने आंतरिक बल और समर्पण से किसी भी परिस्थिति में स्थिर और शांत रहते है। उन्होंने कहा की हम आशा करते हैं की नव न्यूक्त महामंडलेश्वर स्वामी महेशा नन्द गिरि भी उसी मार्ग पर चलेंगे जिन आदर्शो पर संत महापुरुष चलते हैं।

नव नियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी स्वामी महेशा नन्द गिरी ने कहा कि आज हमें गुरुजनो का आशीर्वाद मिला हैं उन्होंने कहा की गुरुजनो ने जो हमें पदभार दिया गया है हम अपने पद की गरिमा और जिम्मेदारियां को पूरी निष्ठा, ईमानदारी के साथ समर्पण की भावना से निर्वाहन करेंगे।
इस अवसर पर अखाड़े के सचिव श्री महंत राम रतन गिरी,मा. म. स्वामी प्रेमानन्द पुरी (अर्जी वाले हनुमान जी उज्जैन), महामंडलेश्वर स्वामी निरंजन ज्योति,श्री महंत शंकरा नन्द सरस्वती,महंत ओमकार गिरी, महंत राधे गिरी, महंत दिनेश गिरी,स्वामी चिदविलाशा नन्द, महंत दर्शन भारती, महामंडलेश्वर स्वामी अनपूर्णा भारती, श्री महंत राधे गिरी, मा. म. स्वामी मीरा गिरी, , मा. म. स्वामी अनंतानंता नन्द, मा. म. स्वामी आदि योगी पुरी,महंत दिनेश गिरी, महंत राकेश गिरी, महंत राज गिरी,आदि के सँग अनेक संत महापुरुष उपस्थित रहे।

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