मधुमक्खियों का आतंक, मधुमक्खियों के हमले से एक बुजुर्ग सहित दो गौ वंश की मौत, कई घायल

बालजी हिन्दी दैनिक
जाना बाजार , अयोध्या l गौशाला में हुए मधुमक्खियां के हमले से एक बुजुर्ग सहित दो पशु की मौत के चौथे दिन बाद भी पशुपालन विभाग नही चेता। न कोई जिम्मेदार अधिकारी वहां जाने का साहस नहीं जुटा पाया । जबकि हमले से दर्जनो पशुओ और दर्जनों महिला पुरुष घायल हुए थे। जिनमे दो पशुओं के साथ एक महिला पुरुषो की हालत आज भी गम्भीर है । जिनका इलाज अभी चल रहा है । पशुशाला के आसपास गांवो के लोग पूरी तरह भयभीत हैं । कोई सिवान तक भी जाने का हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। परन्तु बेजुबानों को कई दिनों से तड़पते देख घायल प्रधान प्रतिनिधि राम प्रकाश अपने साथियों के साथ साहसिक कदम उठाया । और शीशा बंद बोलोरो गाड़ी से पहुंच सर में हेलमेट और शरीरों पर कंबल ओढ़ कर पशुओं को देखभाल की ।और उन्हे चारा पानी का इंतजाम रविवार को किया।
विकासखंड तारुन के थाना क्षेत्र हैदरगंज की ग्राम पंचायत सीहीपुर के मजरे खोधुपुर में पंचायत विकास विभाग की तरफ से ग्राम प्रधान निर्मला यादव के नेतृत्व में बनी वर्षों पहले गौशाला में 80 साड और गाये मौजूद हैं । 13 मार्च को सुबह जब केयरटेकर रामकिशोर और रंजीत पशुओं की देखभाल कर रहे थे और तीसरी केयरटेकर मंजू देवी नजदीक रास्ते में थी। और इसी समय प्रधान प्रतिनिधि राम प्रकाश यादव भी गौशाला पहुंच रहे थे। कि यकायक मधुमक्खियां का झुंड पहुंचकर रामकिशोर पर हमलावर हो गया और वह घायलावस्था में जमीन पर गिर गए। रंजीत और रामप्रकाश उन्हें कंबल ओढाया तब तक मधुमक्खियां पूरे गौशाले पर छा गई। और पशुओं के साथ सभी लोगों पर हमला बोल दिया। गोहार मचाने पर दौड़े दर्जनों ग्रामीण महिला पुरुषों को भी मधुमक्खियो ने हमले की चपेट में ले लिया। इसी बीच किसी तरह रामकिशोर को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रमवा कला गये। जहा हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने मेडिकल कॉलेज भेज दिया ।और 15 तारीख की रात में उनकी मृत्यु हो जाती है । परिजन शव को गांव लाकर दाह संस्कार किया। वही हमले में घायल अन्य लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद राहत मिल गई। फिर भी गंभीर रूप से घायल मीनू पत्नी ओमप्रकाश खोधुपुर, रंजीत सीहीपुर का आज भी इलाज चल रहा है। और दर्जनों घायल पशुओं में दो की मौत हो गई जबकि दो की हालत गंभीर बनी हुई है ।इस बीच ग्राम प्रधान ने घटना के बाद संबंधित अधिकारियों को सूचना देने के बावजूद कोई अधिकारी पशुपालन सहित चिकित्सा से जुड़े गौशाला के अंदर जाने का साहस नहीं कर पाए। बेजुबानों का दर्द घायल प्रधान प्रतिनिधि राम प्रकाश को देखा नहीं गया। और साहसिक कदम उठाते हुए रविवार को अपने अन्य साथियों पवन कुमार, रंजीत, अर्जुन,अनिल कुमार के साथ शीसा बंद बोलोरो गाड़ी में बैठकर पशुशाला पहुंचे और वहां सर में हेलमेट लगाकर कंबल ओढ़ कर पशुओ की देखभाल करते हुए चार पानी की इंतजाम किया। प्रधान प्रतिनिधि ने भयभीत हालत में बताया स्थिति अब सामान्य हो रही है। मधुमक्खियां किसी पेड़ में जाकर इकट्ठा हो गई हैं घायल पशुओं के इलाज की व्यवस्था की जा रही है और मृत्यु हुए पशु का मेडिकल कराके दफन करने की व्यवस्था किया जा रहा है।आज भी मधुमखियो का आतक लोग भूल नही पा रहे है।और खेत खलिहानो मे लोग छुप छुप कर आ जा रहे है।