उत्तर प्रदेशसीतापुर

सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के जमाकर्ताओं की मुश्किलें बढ़ीं

सीआरसी रिफंड पोर्टल पर आवेदन के बावजूद नहीं मिल रही धनराशि।

सीतापुर राकेश पाण्डेय। सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में वर्षों से अपनी गाढ़ी कमाई जमा करने वाले जमाकर्ता ओं की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सरकार द्वारा रिफंड के लिए बनाए गए सीआरसीएस रिफंड पोर्टल पर आवेदन करने के बावजूद कई निवेशकों को अभी तक उनकी जमा राशि वापस नहीं मिल पाई है।

डिफिशिएंसी हटाने में आ रही दिक्कतें

जमाकर्ताओं का आरोप है कि सहारा इण्डिया और सी आरसीएस मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे हैं। कई लोगों के आवेदन पर “डिफिशिएंसी” (कमी) दिखा कर फाइल रोक दी गई है,लेकिन बार-बार सम्पर्क करने के बावजूद इन्हें दूर नहीं किया जा रहा।

जमाकर्ताओं में आक्रोश

लम्बे समय से धन वापसी का इंतजार कर रहे निवेशक अब सरकार और सहारा समूह से नाराज होते जा रहे हैं।कई जमाकर्ताओं ने शिकायत की है कि वे जरूरी दस्तावेज अपलोड कर चुके हैं, फिर भी उन्हें “डाटा इनकंप्लीट” या “रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं” जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

क्या कह रही सरकार और सहारा समूह?

सरकार की ओर से अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि जिन जमा कर्ताओं को पैसा नहीं मिल रहा,उनके आवेदन में सुधार कैसे किया जाएगा।वहीं सहारा समूह की ओर से भी इस मामले में कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है।

जमाकर्ताओं की मांग

जल्द से जल्द डिफिशिएंसी हटाई जाए ताकि पैसा वापस मिल सके। सीआर सीएस पोर्टल को अधिक पारदर्शी बनाया जाए ताकि लोग अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से जान सकें।सरकार सीधे हस्तक्षेप कर सहारा इण्डिया से जवाब तलब करे और रिफंड की प्रक्रिया तेज करे।

क्या है समाधान?

विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों के आवेदन में “डिफिशिएंसी” आ रही है, उन्हें सम्बन्धित सहारा कार्यालय में जाकर सही दस्तावेजों के साथ शिकायत दर्ज करनी चाहिए।साथ ही सरकार को इस मामले में सख्त कदम उठाने होंगे ताकि लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई लौटाई जा सके।

आखिर कब तक निवेशक अपनी ही जमा पूंजी के लिए दर-दर भटकते रहेंगे? सरकार और सम्बन्धित एजेंसियों को जल्द से जल्द इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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