(मिश्रिख)। सीतापुर जहाँ एक तरफ जिलाधिकारी अभिषेक आनन्द द्वारा जनपद में हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा बैठक कर विकास कार्यों के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किये जाते रहते है जिससे है विकास कार्य का निर्माण टिकाऊ व बेहतर हो सके साथ ही विकास कार्य भ्रष्टाचार मुक्त हो सके। जिलाधिकारी के हर प्रयास के बाद भी जनपद में लगातार भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है व ग्राम पंचायतों में तैनात सचिवों द्वारा विकास कार्यों के लिये आंवटित धनराशि को प्रधान व प्रधान परिजनों तथा सचिव अपने चहेतों के निजी खातों में भेजकर वित्त की धनराशि में लगातार डाका डाल रहे है। जिससे जनपद में विकास कार्यो में ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है। अधिकतर ग्राम पंचायतों में वित्त की धनराशि में इस समय सचिव व प्रधान की कमाई का जरिया बनती हुई दिखाई दे रही है। जिससे विकास कार्य अवरूद्ध हो रहे है बताते चले कि विकास खंड मिश्रिख में दो वर्मा बंधुओ पर विकास खण्ड में इस प्रकार सचिव मेहरबान है कि लाखों रूपये का भुगतान कर रहे है। विकास खण्ड में तैनात सचिव रामलखन वर्मा व अन्य सचिवों के द्वारा अपने चहेते विजय वर्मा व जितेंद वर्मा के नाम लाखों रूपये का भुगतान भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी जो कि विकास खण्ड क्षेत्र में चर्चाओं का विषय बना हुआ है। सचिव रामलखन ने जितेंद्र वर्मा को ग्राम पंचायत दधनामऊ, साहबनगर, नेवादिया, गुलरिहा, गोपालपुर, बिकासुरग्रंट, मिश्रिख देहात, नरायनपुर व मुड़ियारा में लाखों का भुगतान देकर सरकारी धन का बंदरबांट किया गया है, वही सूत्र यह भी बताते है कि विकास खण्ड की अधिकतर ग्राम पंचायतों में लगभग सभी सचिवों ने विजय वर्मा व जितेंद्र को भुगतान कर फर्जीवाड़ा किया जाता है। इस सम्बन्ध में जब एडीओ पंचायत अमित चतुर्वेदी से जानकारी ली गई तो उन्होने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आ या है जांच के बाद उचित कार्यवाही की जायेगी।