सीओ-इंस्पेक्टर के निलंबन को लेकर कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठीं मृतक लेखपाल की मां और पत्नी
बरेली। लेखपाल मनीष कश्यप की हत्या के मामले में खुलासा होने के बाद उनके परिवार गम और गुस्सा है। लेखपाल की मां मोरकली और पत्नी व परिवार की महिलाएं सोमवार सुबह कलक्ट्रेट पहुंची। महिलाएं वहां धरने पर बैठ गईं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को पत्र देकर सीओ और इंस्पेक्टर फरीदपुर को निलंबित करने की मांग की। कार्रवाई न होने पर परिवार ने आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी।
मृतक की मां ने कहा कि शुरुआत से ही पुलिस लापरवाही बरतती रही। वे लोग अगर एडीजी से न मिलते तो शायद ये खुलासा भी न हो पाता। परिजनों ने कहा कि केवल सिर के कंकाल से वह कैसे मान लें कि वह मनीष का ही है। इसकी डीएनए जांच कराई जाए। अधिकारियों ने उन्हें समझा बुझाकर शांत कराया। कहा कि परिवार का पूरा सहयोग किया जाएगा।
मूल रूप से बहेड़ी के निवासी और वर्तमान में शहर के बुखारा रोड कॉलोनी में रहने वाले लेखपाल मनीष कश्यप फरीदपुर तहसील में तैनात थे। वह 27 नवंबर को ड्यूटी पर गए थे, इसके बाद घर नहीं लौटे थे। मां मोरकली ने खल्लपुर ग्राम प्रधान और उनके साथियों पर अपहरण का शक जताया था। इसके बाद से अज्ञात में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मनीष की तलाश में जुटी थी।
पुलिस को जांच में पता चला कि लेखपाल के हल्का क्षेत्र के गांव कपूरपुर निवासी ओमवीर कश्यप भी 27 नवंबर से लापता है। उसका नंबर जब सर्विलांस पर लगाया गया तो उसकी लोकेशन कभी दिल्ली तो कभी हरियाणा में मिल रही थी। पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के मुताबिक पूछताछ में उसने पूरी वारदात कबूल कर ली। उसने साजिश में शामिल बुखारा निवासी फुफेरे साले सूरज, मामा नन्हे कश्यप व पत्नी के मामा नेत्रपाल कश्यप का भी नाम कबूला है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने रविवार को कैंट क्षेत्र के नाले से सिर का कंकाल का बरामद किया।
मौके पर छानबीन के दौरान कुछ कपड़े और हड्डियां भी मिलीं। दावा किया गया कि सिर का कंकाल, हड्डियां और कपड़े लेखपाल मनीष कश्यप के ही हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने फिरौती वसूलने के लिए लेखपाल को अगवा किया और उसी दिन हत्या कर दी। वहीं परिजनों ने डीएनए जांच की मांग की है।