उत्तराखण्डराज्य

Livelihood Schemes के आउटपुट की हो सख्त माॅनिटरिंग – मुख्य सचिव

देहरादून, 31 जनवरी: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में विभिन्न योजनाओं(Livelihood Schemes) के संचालन के संबंध में बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से राज्य में आजीविका से जुड़ी योजनाओं के संचालन से महिलाओं की आय में वृद्धि की रिपोर्ट तलब करते हुए आजीविका से जुड़ी सभी योजनाओं की आउटपुट माॅनिटरिंग करने के सख्त निर्देश दिए।

Livelihood Schemes

मुख्य सचिव ने बैठक में मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम (एमबीएडीपी) के तहत , ऊधमसिंह नगर में 12 योजनाओं, उत्तरकाशी में 14 योजनाओं, चमोली में 12 योजनाओं, चम्पावत में 24 योजनाओं तथा पिथौरागढ़ में 21 योजनाओं(Livelihood Schemes) को सचिवालय में आयोजित मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम (एमबीएडीपी) तथा मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना (एमपीआरवाई) की राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमिटी को अनुमोदन दिया।

Livelihood Schemes

मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत अल्मोड़ा के लिए 10 योजनाओं(Livelihood Schemes), ऊधमसिंह नगर के लिए 2, उत्तरकाशी के लिए 4, चमोली के लिए 3, चम्पावत के लिए 29, टिहरी के लिए 16, देहरादून के लिए 6, नैनीताल के लिए 6, पिथौरागढ़ के लिए 4, पौड़ी के लिए 16, बागेश्वर के लिए 13 तथा रूद्रप्रयाग के लिए 8 योजनाओं का अनुमोदन दिया।सीएस ने मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम (एमबीएडीपी) तथा मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना (एमपीआरवाई) के तहत संचालित आजीविका विकास से सम्बन्धित योजनाओं के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित उत्पादों को उत्तराखण्ड के अम्ब्रेला ब्राण्ड “हाउस ऑफ़ हिमालयाज” से जोड़ने के भी निर्देश दिए।इस दौरान बैठक में सचिव राधिका झा, चन्द्रेश कुमार, उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस एस नेगी सहित ग्राम्य विकास, शिक्षा, सहकारिता, पर्यटन एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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