अयोध्याउत्तर प्रदेश

वेदों के अध्ययन से मनुष्य में ज्ञान के साथ ह्रदय पक्ष का भी विकास होता – प्रो0 डॉ0ओम प्रकाश त्रिपाठी

राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक व स्वयंसेविका नए समाज के लिए प्रदर्शक – डॉ0 सुधीर श्रीवास्तव

राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय विशेष-शिविर का भव्य हुआ समापन

बलराम मौर्य/बालजी हिन्दी दैनिक
अयोध्या l राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय विशेष-शिविर का भव्य समापन करते हुए सभी स्वयंसेवक व स्वयंसेविकाओं के उज्ज्वल भविष्य की शुभ कामना के साथ दी गई l आज दिनांक 24/ 03/2024 दिन सोमवार को मां तिलेसरा देवी पी0जी0कॉलेज भसड़ा, टांडा, अंबेडकर नगर में राष्ट्रीय सेवा योजना सात दिवसीय विशेष-शिविर का समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो0 डॉ0ओम प्रकाश त्रिपाठी पूर्व विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र विभाग, बी0एन0के0बी0पी0जी0 कॉलेज, अकबरपुर, अंबेडकर नगर महाविद्यालय के प्राचार्य व कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ0 सुधीर श्रीवास्तव, संरक्षक श्री राम पूजन प्रजापति, कार्यक्रमाधिकारी डॉ0 शिवानी श्रीवास्तव (प्रथम इकाई) डॉ०अभिषेक पांडेय (द्वितीय इकाई) मुख्य नियंता डॉ0 सुशील कुमार, बी.एड्0विभागाध्यक्ष डॉ0 अश्वनी कुमार आदि की गरिमा में उपस्थिति में ज्ञान की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण से हुआ। दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात स्वयंसेविका महिमा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। मीना कुमारी ने स्वागत गीत के माध्यम से मुख्य अतिथि जी एवं उपस्थित जन समूह का स्वागत किया। तत्पश्चात स्वयंसेवक व स्वयंसेविकाओं ने मंचासीन लोगों का माल्यार्पण व बैज से स्वागत किया। राष्ट्रीय सेवा योजना प्रथम इकाई की कार्यक्रमाधिकारी डॉ0 शिवानी श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि हुआ अन्य लोगों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 अभिषेक पांडेय ने स्वयंसेवक व स्वयंसेविकाओं द्वारा सात दिवसीय विशेष शिविर में किए गए कार्यों को संक्षिप्त रूप में बताया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज हमारा समाज और विशेष कर अध्यनरत युवा जो कि देश और समाज के उत्तरदायित्व की तरफ अग्रसर हो रहा है वह पुस्तकों के अध्ययन से दूर होता जा रहा है। हमारे प्राचीन ग्रंथ रामायण, महाभारत वा वेद ज्ञान के असीम सागर हैं जिसे यदि विज्ञान की नींव कहा जाए तो गलत नहीं होगा। रामायण,महाभारत वा वेदों के अध्ययन से मनुष्य में ज्ञान के ह्रदय पक्ष का विकास होता है जिससे नैतिक विकास की राह प्रशस्त होती है नैतिक विकास के द्वारा विज्ञान भी विकसित होता जाएगा। आज के अध्ययन विषय में विषयगत अध्ययन के अलावा उपर्युक्त का भी समन्वय होना चाहिए l जिससे बुद्धि का विकास होगा पुनः आचार-विचार, चारित्रिक विकास व समाज तथा संस्कृति उच्च होती जाएगी। राष्ट्रीय सेवा योजना युवा छात्र-छात्रा को समाज से जोड़ने की और सामाजिकता की प्रथम कड़ी है । अपने अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य डॉ सुधीर श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक व स्वयंसेविका नए समाज के लिए प्रदर्शक के रूप में है l आप लोग अपने ज्ञान के द्वारा समाज को एक नए आयाम की तरफ ले जा सकते हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेविका अनामिका, अंजली ,सिंम्पी,अंजू, काजल, प्रीति, अंतिमा, अनामिका, दीपशिखा वर्मा, जानवी,नंदिता, नीलम, काजल, महिमा व महक तथा स्वयंसेवक विशाल वर्मा वअनुराग आदि ने भी अपने-अपने विचार और गीत को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में अर्जुन प्रसाद, डॉ0 वंदना मिश्रा, डॉ0प्रशांत सिंह,गौतम कुमार,लक्ष्मी भारती, अंशिका रानी, आशा मौर्या, ममता, चंद्रकला,इंद्रेश कुमार मो0सैफ अली, सुनील कुमार वर्मा आदि प्राध्यापक व प्राध्यापिकाओं के अलावा विभिन्न संकायों के छात्र-छात्रा भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन एकता सिंह एवं श्रद्धा सुमन ने किया।

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