उत्तर प्रदेशसीतापुर

सफाई कर्मचारियों की निरंकुशता का दन्श झेल रहे हैं मिश्रित ब्लॉक के ग्रामीण।

मिश्रिख सीतापुर-जनवरी/एक तरफ देश और प्रदेश की सरकारें सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान को ज़हां बढ़ावा दे रही हैं, वहीं इकहत्तर ग्राम पंचायतों वाले मिश्रित ब्लॉक में खण्ड विकास अधिकारी अवध प्रताप सिंह और प्रभारी ए डी ओ पंचायत अमित चतुर्वेदी की दूषित नीतियों के चलते मिश्रित ब्लॉक में तैनात एक सैकड़ा से अधिक सफाई कर्मचारी लम्बा चौड़ा सरकारी वेतन डकार कर अपने तैनाती गांवों को पूरी तरह नजरन्दाज करते हुये उन्हें नरक में तब्दील किये हुये हैं।कहना गलत न होगा कि मिश्रित ब्लॉक की लगभग सभी ग्राम पंचायतों और उनके मजरों में गन्दगी के अम्बार लगे हुये हैं अधिकांश जगह तो गांवों में काफी हद तक मार्गों आदि पर प्रदूषित जल भराव भयंकर संक्रामक बीमारियों को खुले आम न्योता दे रहा है, कीचड़ युक्त बजबजाती नालियों से जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था ही नहीं है। इतना ही नहीं घरों और पशुपालन स्थलों से निकला जाने वाला कूड़ा करकट मार्गों आदि पर ढेर होकर प्रधानमन्त्री और मुख्यमन्त्री के सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान की पूरी तरह से हवा निकाल रहा हैं। ब्लॉक में निरंकुशता की हदें पार कर चुके इन ग्रामीण सफाई कर्मचारियों पर सम्बन्धित अधिकारी उनपर कार्य करने का दबाव न बना सके इस लिये इन सफाई कर्मचारियों ने अपनी यूनियन भी बना रखी है। मजेदार बात तो यह है की मिश्रित ब्लॉक के ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ का अध्यक्ष मनोज कुमार ब्लॉक की ग्राम पंचायत डिघिया के राजस्व गांव कुंवरापुर में तैनात है जबकि इस गांव के गली कूचों में व्याप्त गन्दगी के कारण आम लोगों का राह निकलना दूभर है,कहना यह भी गलत न होगा कि अपने को ब्लॉक सफाई कर्मचारी संघ का अध्यक्ष बताने वाला यह निरंकुश सफाई कर्मचारी सारा दिन ब्लॉक में ही नेतागिरी करता दिखाई देता है यह अपने तैनाती गांव में सफाई कार्य करने कब जाता है यह बात दूषित नीतियों के सम्वाहक प्रभारी एडीओ पंचायत और खण्ड विकास अधिकारी ही दौरान जांच अपने उच्चा धिकारियों को सही ढंग से बता सकते हैं। बताते चलें कि इस ब्लॉक में कई सफाई कर्मचारी तो ऐसे हैं जिनके परिवार के लोग ग्राम प्रधान हैं जिस कारण वे सारा दिन ब्लॉक में बैठकर आवश्यक प्रपत्रों पर प्रधान की मोहर लगाकर और उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाते हुये खुलेआम देखे जाते हैं इस तरह के कार्यों में ग्राम पंचायत पनाह नगर के राजस्व ग्राम पनरभू में तैनात ऊदन कुमार जो अपने को एक राजनेता का भी रिश्तेदार बताता है का नाम काफी चर्चाओं में है। ज्ञातव्य हो कि उक्त दोनों सफाई कर्मचारियों की कारगुजारियां तो मिश्रित ब्लॉक में मात्र बानगी भर हैं इसी तरह से कई अन्य सफाई कर्मी भी अपने तैनाती गांव में न जाकर ब्लॉक में ही सारा दिन नेतागिरी करते हुये खुलेआम देखे जाते हैं जिन पर नियन्त्रण रखने वाले प्रभारी एडीओ पंचायत और खण्ड विकास अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी पूरी तरह से चुप्पी साधे हुये हैं जब कि ब्लॉक क्षेत्र का हर गांव झेल रहा है गन्दगी का दन्श, प्रश्न उठता है कि इन निरंकुश ग्रामीण सफाई कर्मचारियों पर आखिर कार कब होगी कार्यवाही-?

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