विकासखंड रुपईडीह मनरेगा में लूट है लूट सको तो लूट
जिससे मर्जी उनसे शिकायत करो खंड विकास अधिकारी का कुछ होने वाला नहीं
क्या योगी सरकार को भ्रष्टाचार में बदनाम करने में लगे है डीसी मनरेगा…?
क्या खंड विकास अधिकारी रुपईडीह मनरेगा मैं समाजवादी पार्टी के सरकार के नीतियों पर कर रहे हैं कार्य…?
क्या खंड विकास अधिकारी के संरक्षण में चल रहा है मनरेगा का फर्जी मास्टर रोल
शिवकुमार पाण्डेय गुरूजी/ बीन्यूज दैनिक
गोण्डा: मनरेगा में फर्जी मस्टररोल और फर्जी भुगतान के मामले में रुपईडीह ब्लॉक का नाम सबसे पहले सामने आता था।लेकिन एक कहावत गांव में कही जाती है कि तरबूज को देख कर खरबूज भी रंग बदलता है।ठीक उसी तरह रुपईडीह ब्लॉक भी उन ब्लॉकों की तरह मनरेगा कार्यों में फर्जी मास्टर रोल और उनके भुगतान में सभी ब्लाकों को पीछे छोड़ अव्वल नंबर पर अपनी जड़े जमाने में जुटा हुआ है।
यह है पूरा मामला
हम बात कर रहे हैं महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा की।जिसके तहत सरकार तमाम निचले स्तर के गरीबों और असहाय मजदूरों को वर्ष में मनरेगा योजना के तहत सौ दिन का कार्य देने के लिए कटिबद्ध है।परंतु देखा जा रहा है कि जनपद मुख्यालय से बीस किलो मीटर दूर रुपईडीह ब्लॉक ग्राम प्रधानों और सचिवों के भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है।केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना मनरेगा के नियमों को ताक कर रख कर खुद की खाऊ कमाऊ नीति से उसकी गाइडलाइन के विपरीत फर्जी मस्टरोल का सहारा लेकर फर्जी भुक्तान करवाने में लगे हैं।जानकारों की माने तो कड़ाके की ठंड और ताप मान तकरीबन बीस डिग्री सेल्सियस जो सुबह से ही शरीर को गला देने वाली रही और सभी लोग अपने अपने घरों में दुबक कर बैठे रहने को मजबूर थे तो ग्राम पंचायतों के प्रधान और सचिव भी बाहर निकले के लिए सोचते होंगे।लेकिन इस भीषण ठंड में भी ग्राम प्रधान और सचिव गांवों में मनरेगा के मस्टरोल से खेल करने में जुटे है।ब्लॉक कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर लाखों का वारा न्यारा कर रहे है।
इन गांवों में चल रहा थी फर्जी मस्टर रोल का खेल
विशुनपुर बेलभरिया,पचरन छिटनापुर,भंगहा,भटपुरवा भवानियापुर खुर्द,चौहट्टा,,इटहिया नबी जोत, जेठपुरवा,केवलपुर,रजन्नपुर,शिवगढ़,तेलियाकोट आदि गांवो में मनरेगा के मास्टर रोल में चल रहा भ्रष्टाचार
यह तो महज एक बानगी है।तमाम अन्य ग्राम पंचायतों में भी मनरेगा योजना में यही खेल जारी है।गांवों में फर्जी तरीके से मस्टररोल चालू कर ब्लॉक अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर मनरेगा मजदूर अदृश्य होकर जॉब कार्डों में अपनी हाजिरी लगा कर प्रतिदिन तकरीबन एक लाख 98 हजार 843 रुपए केंद्र सरकार को चपत लगा कर भुगतान कराने में लगे हुए हैं।
ईमानदारी से जांच हो तो नपेंगे कई जिम्मेदार
अगर जिले के जिम्मेदार अधिकारी इन मामलों को संज्ञान में लेकर कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करें तो सरकार के करोड़ों रुपए गबन होने से बच जाएंगे और शायद रुपई डीह ब्लॉक भी सीबीआई जांच की जद में आने से बच जाएगा।ईमानदारी पूर्वक जांच हुई तो तमाम जिम्मेदारों की गर्दनें फंस सकती हैं।
क्या कहती हैं मुख्य विकास अधिकारी!
इस बारे में बात करने पर मुख्यविकास अधिकारी ने ने बताया कि टीम बना दी गई है जांच कर करके कार्रवाई की जाएगी किसी भी तरह भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा