सिहोरिया बाजार के व्यवसाईयों में मचा हड़कंप , चकबंदी व राजस्व विभाग की मिली भगत 20 वर्ष पुराने मकानो की लगी मालियत
दूसरे चकदारो की खतौनी हुई दर्ज मजिस्ट्रेट ने जांच के दिये आदेश
शेर बहादुर शेर / बालजी दैनिक
जानाबाजार अयोध्या l दशकों से दुकान बनाकर सिहोरिया बाजार में व्यवसाय कर जीवन यापन करने वाले तीन दर्जन से ज्यादा व्यापारियों में हड़कंप मच गया है। जब उन्हें पता चला कि बैनामे की उनकी निजी भूमि अब दूसरे के नाम दर्ज हो गई । इसके पीछे चकबंदी राजस्व विभाग की मिलीभगत होना मान रहे है। इसी के चलते कई अधिकारियों के आदेश भी रद्दी की टोकरी में चले गए है। पीड़ितो ने अपनी समस्याओं को लेकर मजिस्ट्रेट के पास पहुंचे । न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जांच कमेटी गठित करके समस्याओं का निस्तारण का आदेश राजस्व निरीक्षक को दिया। प्रकरण थाना क्षेत्र हैदरगंज के सिहोरिया बाजार निवासी व्यवसायी फूलकली पत्नी राम तीरथ, बाबूराम पुत्र राम जी, ज्योति पत्नी राम लौट ,सोमनाथ , राम उजागीर, रमेश कुमार पुत्र रामू उजागीर, अनंत राम, उमा देवी पत्नी किशन देव, कृष्णा देवी पत्नी अमरनाथ, सुरेश कुमार पुत्र छबिलाल, शिवप्रसाद पुत्र रामअचल ,बाबूलाल, जगनारायण, गणेश आदि सहित कुल चालीस से ज्यादा व्यवसायी हैं। जो क्षेत्र के विभिन्न गांव पंचायतो के निवासी हैं । इन्हों ने वर्ष 2005, 06 के आसपास चौरे बाजार हैदरगंज सड़क के किनारे सिहोरिया बाजार मे आबादी व्यवसायिक प्लांट के रूप में तात्कालिक गाटा संख्या 797 परसराम उर्फ दासु पुत्र कलपू निवासी ग्राम बैतीकला से रजिस्ट्री बैनामा कराकर अपना मकान दुकान बनाकर व्यवसाय करते चले आ रहे हैं। जिसमें लगभग 15 लोगों ने बैनामे की दाखिल खारिज भी करा ली है। और लोग मकान बनाकर रह रहे हैं। परंतु दाखिल खारिज नहीं करा पाये। इसी बीच चकबंदी अधिकारियों ने आवासीय जमीन की मालीयत लगाकर उनके दुकानों मकानो पर दूसरे का चक बना दिया। इसकी जानकारी होने पर व्यवसाईयों ने सी ओ चकबंदी के यहां मुकदमा दायर कर मालियत निरस्त करने का आदेश पारित कराया था। व्यवसाईयों के नाम चकबंदी के अन्य कई अभिलेखों में भी दाखिल हैं चकबंदी के बाद राजस्व की खतौनी में अब मौजूदा गाटा संख्या 1698 दर्ज हो गई है और दूसरे चकदार राम अजोर अन्य के नाम खतौनी दर्ज हो गई । जिसकी जानकारी होने पर इन व्यवसाईयों में हड़कंप मच गया । और कई लोगों ने इसे राजस्व चकबंदी की मिलीभगत होना बताया । पीड़ितो ने अपनी समस्या को लेकर न्यायिक मजिस्ट्रेट बीकापुर बृजेश कुमार के पास पहुंचकर आप बीती सुनाई । मजिस्ट्रेट ने कानूनगो विजय कुमार मिश्रा के नेतृत्व में टीम गठित करके जांच रिपोर्ट तलब की है।