विवादों के लिए जाना जायेगा इस बार का अयोध्या महोत्सव
सांस्कृतिक आयोजन के नाम पर अश्लीलता परोसने का लगा आरोप
संस्कृति विभाग के लाखों रुपए का हो रहा बंटाधार,
शासन प्रशासन अयोध्या महोत्सव के आयोजक की बना कठपुतली
बलराम मौर्य / बालजी दैनिक
अयोध्या। अयोध्या महोत्सव, जो हर साल शहर की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जाता है, इस बार विवादों में घिर गया है। फॉरएवर लॉन में चल रहे इस महोत्सव में भोजपुरी फिल्मों की मशहूर अभिनेत्रियां, जैसे आम्रपाली दुबे, ने मंच पर अपने डांस से ग्लैमर का तड़का लगाया। हालांकि, इन प्रस्तुतियों को लेकर कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में अभिनेत्रियों को मंच पर ठुमके लगाते देखा गया, जिसे लेकर आलोचकों ने इसे “अश्लीलता परोसने” का आरोप लगाया है। वीडियो में नजर आ रहा है कि महोत्सव में मौजूद आम लोग भी इन प्रस्तुतियों का आनंद लेते हुए मस्ती में चूर हैं।
पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ने जताई आपत्ति
पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ने इस आयोजन की कड़ी आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या महोत्सव के नाम पर शहर की सांस्कृतिक और धार्मिक गरिमा को ठेस पहुंचाई जा रही है। पांडेय ने आरोप लगाया कि इस तरह के आयोजन अयोध्या की पवित्रता और सम्मान को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने यह भी मांग की कि इस महोत्सव को आयोजित करने के लिए दी जाने वाली सरकारी फंडिंग पर तुरंत रोक लगाई जाए। पांडेय ने प्रशासन से बिना किसी मानक के हर साल होने वाले इस आयोजन पर सख्त कार्रवाई करने की अपील की।
क्या कहते हैं पर्यटन अधिकारी
अयोध्या महोत्सव में किस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं, इस सम्बन्ध में या तो अधिकारी कुछ जानते नहीं या फिर कुछ कहने को तैयार नहीं हैं। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव कहते हैं कि हमारे विभाग की ओर से अयोध्या महोत्सव को आयोजित करने के लिए 15 लाख रुपये का अनुदान तो दिया जाता है। किन्तु मेले में किस प्रकार के कार्यक्रम होने चाहिए इसकी हमें जानकारी नहीं है। उन्होंने स्पष्ट जानकारी देने के स्थान पल्ला झाड़ते हुए कहा जिला प्रशासन जाने। मतलब यह कि कोई मेले को लेकर कुछ बोलने को तैयार ही नहीं है।
जनसूचना का जबाब नही दे रहे अधिकारी
अयोध्या महोत्सव में हुई मनमानी का खुलासा करने के लिए अधिवक्ता प्रभात कुमार की ओर से मांगी गई जन सूचना का जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों ने जवाब नही दिया। इस विषय पर आवेदक ने डीएम के न्यायालय में जन सूचना प्राप्त करने के लिए अपील की किन्तु आवेदक का कहना है कि पूरा शासन प्रशासन अयोध्या महोत्सव के आयोजक की कठपुतली बना है। जिसके कारण जन सूचना का जवाब नहीं दिया जा रहा है। आलोचकों का कहना है कि इस प्रकार के आयोजनों में सरकारी फंड का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होता है। इनका उद्देश्य अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देना होना चाहिए, लेकिन अब यह आयोजन मनोरंजन और विवाद का कारण बन गया है।