उत्तर प्रदेशप्रयागराज

अटल जी की सौवीं जयंती पर मुक्त विश्वविद्यालय में आज से त्रिदिवसीय कार्यक्रम

काव्य पाठ, राष्ट्रीय संगोष्ठी के साथ ही होगी अटल प्रतिमा की स्थापना

प्रयागराज 22/12/2024
बीके यादव/ बालजी दैनिक

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री पंडित अटल बिहारी बाजपेई के जन्मोत्सव पर 23 से 25 दिसंबर 2024 तक त्रिदिवसीय समारोह का आयोजन किया गया है। जिसमें काव्य पाठ, राष्ट्रीय संगोष्ठी के साथ ही अटल प्रतिमा की स्थापना की जाएगी।

23 दिसंबर को सायं 3:00 बजे से हिंदुस्तानी एकेडमी एवं मुक्त विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में काव्य संध्या का आयोजन किया गया है। जिसके मुख्य अतिथि सुनीत राय, डीआईजी रेंज, सीआरपीएफ, प्रयागराज होंगे तथा अध्यक्षता प्रोफेसर सत्यकाम, कुलपति, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय करेंगे।

अटल जी की स्मृति में आयोजित काव्य संध्या में प्रोफेसर वशिष्ठ अनूप, वाराणसी डॉ कमलेश राय, मऊ, डॉ अतुल बाजपेई, लखनऊ, पीयूष मालवीय, दिल्ली, अमित शुक्ला, रीवा, मानक मुकेश, कानपुर, तथा डॉ श्लेश गौतम, डॉ विनम्र सेन सिंह, श्री अशोक बेशरम, डॉ वंदना शुक्ला, श्रीमती राधा शुक्ला एवं मिस्बाह इलाहाबादी, प्रयागराज काव्य पाठ करेंगे।

इसी क्रम में 24 दिसंबर 2024 को लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में अपराह्न 3:00 बजे लोकतंत्र में नैतिक मूल्य विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। जिसके मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता श्री मिथिलेश नारायण, क्षेत्र बौद्धिक शिक्षण प्रमुख, पूर्वी उत्तर प्रदेश, लखनऊ तथा विशिष्ट अतिथि राधाकांत ओझा, वरिष्ठ अधिवक्ता, उच्च न्यायालय, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज होंगे। संगोष्ठी के अध्यक्षता प्रोफेसर सत्यकाम, कुलपति, उत्तर प्रदेश राजेश टंडन मुक्त विश्वविद्यालय करेंगे।

अटल बिहारी वाजपई सुशासन पीठ के निदेशक प्रोफेसर प्रदीप कुमार पांडेय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 25 दिसंबर को विश्वविद्यालय परिसर में भारत रत्न पंडित अटल बिहारी बाजपेई की आदमकद प्रतिमा की स्थापना की जाएगी एवं अटल जी द्वारा रचित चुनी हुई कविताएं नामक पुस्तक का वितरण किया जाएगा। इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिवार के स्वास्थ्य कल्याणार्थ प्राची अस्पताल से समझौता ज्ञापन होगा तथा कुम्भ अध्ययन में प्रमाण पत्र कार्यक्रम के संचालन संबंधी घोषणा कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम करेंगे। उन्होंने उक्त कार्यक्रमों में विश्वविद्यालय के अधिकारियों, शिक्षकों,कर्मचारियों एवं शोधार्थियों से उपस्थित रहने की अपील की है।

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