बंजर भूमि सुधार पर आधारित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन
प्रयागराज 12 दिसंबर
बीके यादव/बालजी दैनिक
भा.वा.अ.शि.प.-पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केन्द्र, प्रयागराज द्वारा
“सतत भूमि प्रबंधन तकनीक एवं भूमि क्षरण तटस्थता हेतु दृष्टिकोण” पर आधारित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन गुरुवार दिनांक 12 दिसंबर 2024 को किया गया।प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वितीय तकनीकी सत्र में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डॉ. सुधीर कुमार सिंह द्वारा आजीविका सुरक्षा हेतु एकीकृत कृषि प्रणाली विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। डॉ. दीपक लाल, प्रोफेसर, इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा भूमि क्षरण मूल्यांकन और संरक्षण में जीआईएस और रिमोट सेंसिंग की भूमिका विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की डॉ. सविता देवांगन द्वारा विभिन्न लक्षित समूहों के लिए मृदा एवं जल संरक्षण उपाय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। केन्द्र प्रमुख डॉ. संजय सिंह द्वारा जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में कृषि तथा वानिकी तकनीकों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनीता तोमर, डॉ. कुमुद दूबे, आलोक यादव तथा डॉ. अनुभा श्रीवास्तव द्वारा कार्यक्रम विषय पर अनुभव एवं विचार प्रस्तुत किए गए। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन दिवस में प्रतिभागियों को यमुना नदी के जल मार्ग से भ्रमण कराया गया साथ में प्रतिभागियों को नैनी स्थित वानिकी महाविद्यालय, शुआट्स तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के वानिकी पौधशाला एवं विभिन्न कृषिवानिकी मॉडलो को दिखाया गया। प्रतिभागियों को विभिन्न वृक्ष प्रजातियों से अवगत कराया गया, जो कि बंजर भूमि के लिए उपयुक्त हैं। कार्यक्रम के समापन सत्र में प्रतिभागियों के साथ चर्चा किया गया तथा प्रतिभागियों एवं विषय विशेषज्ञ के बीच संवाद स्थापित किया गया साथ ही प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम के अन्त में कार्यक्रम समन्वयक एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक, आलोक यादव द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।