बिना नक्शे के बन रहा तीन मंजिला मकान..
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अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक
गोण्डा: नगर पालिका परिषद क्षेत्र में यह नियम है कि बिना नक्शा की स्वीकृति के मकान नहीं बनाना है।लेकिन नगर पालिका परिषद क्षेत्र में बिना नक्शा के ही शहर में लगातार भवन का निर्माण किया जा रहा है।इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं है।ये भवन मानक के अनुसार है या नहीं इसकी भी जांच नहीं हो रही है।भवन निर्माणकर्ता स्वयं ही अपने मकान के आर्किटेक्ट बने हुए हैं।अपनी मर्जी से मकान का निर्माण जारी है।ये मकान आने वाले दिनों में नगर के लिए चुनौती बन कर खड़ा हो जाएंगे। भगवान न करे अगर कभी भूकंप आदि आया तो ऐसे मकान गिर कर दर्जनों जान ले सकते हैं।इतना ही नहीं नगर में कई पुराने जर्जर मकान भी जानलेवा बन चुके हैं।
शहर में नहीं बच रही नजूल जमीन हो रहे निर्माण
इसे भूमाफिया व नौकरशाही का गठजोड़ कहें या कुछ और ! जिला मुख्यालय पर ही सरकारी जमीन व नजूल भूखंड कब्जे किए जा रहे हैं।शहर में नजूल की जमीन पर बिना फ्री होल्ड और बिना नक्शे के ही मकान तो कहीं बहुमंजिली इमारतें खड़ी हो रही हैं।न ही कहीं कोई अनुमति और न ही मानचित्र फिर भी धड़ल्ले से नजूल भूखंडों पर हो रहे निर्माण सरकारी एजेंसियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।शहर के पांडे बाजार पुलिस चौकी क्षेत्र के कृपालु आश्रम के पास मालवीय नगर में एक बहुत बड़ा भूभाग नजूल यानी सरकारी है।कब्जा किसी का भी हो बगैर फ्रीहोल्ड कराए स्वामित्व नहीं मिल सकता।बावजूद इसके हैरत की बात यह है कि इन इलाके में एक तीन मंजिला मकान धड़ल्ले से बन रहे हैं।इन इलाकों की सरकारी जमीन पर हो रहे निर्माण को पर्दा डालकर किया जा रहा है।सामने से पर्दा और पीछे बन रही हैं बहुमंजिली इमारतें ख़डी हो रही है।और जिम्मेदार सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं।वही पालिका हो या विनियमित क्षेत्र प्राधिकारी दफ्तर के कर्मी अथवा जिला प्रशासन के अफसर शिकायतें पहुंची तो निरीक्षण कर बस नोटिस या संबंधित खानापूर्ति कर ली जाती है।
अवैध निर्माण के लंबित हैं सैकड़ो मुकदमे विनियमित क्षेत्र प्राधिकारी दफ्तर पर जिम्मा है अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने का अथवा न होने देने का..।बावजूद इसके ये दफ्तर मौन रहता है।आफिस के कर्मी सिर्फ कागजी कार्रवाई भी सिर्फ उतनी ही करते हैं जितनी से उनकी नौकरी चलती रहे।सूत्र बता रहे है कि करीब सैकड़ो अवैध निर्माण के मामलों की फाइलें लंबित हैं।इनमें आरोपी अवैध निर्माणकर्ताओं को सम्मन जा चुके हैं और साक्ष्य के लिए तलब किया जा चुका है।शहर में बगैर मानचित्र निर्माण के सैकड़ो से ज्यादा मामले हैं।नजूल भूमि पर कब्जेदारों द्वारा निर्माण के अधिकांश मामलों पेशी हो रही है तारीखें पड़ रही हैं, लेकिन अंतिम निपटारा लंबित है।