उत्तर प्रदेशप्रयागराज

पर्यावरण सुधार हेतु रिपोर्ट कार्ड बनाने पर भारतीय वन सेवा अधिकारियों हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला

प्रयागराज 11 नवंबर

बीके यादव/ बालजी दैनिक

भा.वा.अ.शि.प.-पारिस्थितिक पुनर्नस्थापन केन्द्र, प्रयागराज द्वारा भारतीय वन सेवा अधिकारियों हेतु पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित “पारिस्थितिकी तंत्र स्वास्थ्य कार्ड” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि, डॉ. राजीव श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त भारतीय वन सेवा एवं वर्तमान मुख्य सलाहकार-पर्यावरण के साथ उपस्थित गणमान्य अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। केन्द्र प्रमुख डॉ. संजय सिंह ने मंचासीन अधिकारियों का स्वागत करते हुए बताया कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की छत्र छाया में पर्यावरण के सतत विकास एवं परिस्थितिकी तंत्र के प्रबंधन हेतु उक्त कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला का आयोजन केन्द्र द्वारा आईआईएफएम, भोपाल एवं एनसीएससीएम, चेन्नई के संयुक्त तत्त्वधान में किया जा रहा है। केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनीता तोमर, पाठ्यक्रम समन्वयक ने प्रशिक्षण कार्यशाला की रूप रेखा पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने भारत की जैव विविधता संरक्षण के अंतर्गत होने वाले प्रयासों एवं पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के नियंत्रण विधियों पर चर्चा किया। विशिष्ट अतिथि तुलसीदास शर्मा, वन संरक्षक, प्रयागराज ने सभा को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश में पारिस्थितिकी तंत्र के प्रबंधन पर सुझावों से अवगत कराया। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. पूर्वजा रामचंद्रन, निदेशक, एनसीएससीएम, चेन्नई ने व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए आद्रभूमि संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र एवं जल शोधन के साथ जैव विविधता को बढ़ावा देने पर विस्तृत चर्चा किया। वरिष्ठ वैज्ञानिक आलोक यादव, ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला के तकनीकी सत्र में डॉ. धान्या भास्कर, एसोसिएट प्रोफेसर, आईआईएफएम, भोपाल ने पारिस्थितिकी तंत्र स्वास्थ्य मूल्यांकन के अंतर्गत रूपरेखा एवं उसके संकेतक पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। डॉ. राजीव पाण्डेय, वैज्ञानिक, भा.वा.अ.शि.प., देहरादून ने सम्बोधित करते हुए वनो की मिट्टी के कटाव को नियंत्रित करने पर प्रकाश डाला। डॉ. रॉबिन आर.एस., वरिष्ठ वैज्ञानिक, एनसीएससीएम, चेन्नई ने आर्द्रभूमि के स्वास्थ्य कार्ड की रचना पद्धति पर प्रकाश डाला।डॉ. दीपक सैमुअल वी., वरिष्ठ वैज्ञानिक,एनसीएससीएम, चेन्नई ने आर्द्रभूमि स्वास्थ्य एवं पारिस्थितिकी तंत्र की अखंडता के आक्रामक प्रजाति के सूचक विषय पर चर्चा किया। केन्द्र प्रमुख डॉ. संजय सिंह एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. अनीता तोमर द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र का स्वास्थ्य और लचीलापन में निरंतर सेवाओं विषय पर अनुभव साझा किये गए। प्रतिभागियों द्वारा नदियों के जल की शुद्धता के मानक स्तर को बनाए रखने की विधियों पर चर्चा किया गया। कार्यक्रम में प्रतिभागी वन सेवा अधिकारियों के साथ डॉ. कुमुद दूबे, डॉ. अनुभा श्रीवास्तव के साथ वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी डॉ. एस. डी. शुक्ला, तकनीकी अधिकारी-रतन कुमार गुप्ता, तकनीकी सहायक-धर्मेन्द्र कुमार, प्र.श्रे.लि.-हरीश कुमार, अ.श्रे.लि.-अम्बूज कुमार के साथ विभिन्न शोध छात्र – छात्रा आदि उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button