भारतीय वन सेवा अधिकारियों की प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न

प्रयागराज 13 नवंबर
बीके यादव/बालजी दैनिक
प्रयागराज। भा.वा.अ.शि.प.- पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केन्द्र, प्रयागराज द्वारा भारतीय वन सेवा अधिकारियों हेतु पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित ”पारिस्थितिक तंत्र स्वास्थ्य कार्ड” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला वुधवार को संपन्न हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. रेनू सिंह, निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून द्वारा सुशोभित किया गया। केन्द्र प्रमुख डॉ. संजय सिंह द्वारा, मुख्य एवं विशिष्ट अतिथि का अभिवादन करते हुए पर्यावरण सुधार में स्वास्थ्य कार्ड की भूमिका की सार्थकता पर प्रकाश डाला गया। मुख्य अतिथि डॉ. रेनू सिंह ने विशिष्ट पारिस्थितिकी से जुड़े शोध कार्यों के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया साथ ही बताया कि वर्तमान समय में वन अधिकारियों का मुख्य दायित्व है कि परिस्थितिकी तंत्र में सुधार कार्यों पर बल दिया जाय। विशिष्ट अतिथि डॉ. पूर्वजा रामचन्द्रन, निदेशक, एनसीएससीएम, चेन्नई ने उद्बोधन में कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को कराते रहना चाहिए, जो कि भविष्य के लिए उपयुक्त साबित होंगे। समारोह में केन्द्र द्वारा प्रकाशित ग्रीन डाइजेस्ट-प्राइमर फॉर इनवायरमेंट कंजरवेशन, कृषि वानिकी-प्रजातियां एवं प्रबन्धन तथा रिक्लेमेशन ऑफ डिग्रेडेड साइट्स पुस्तकों का विमोचन किया गया। पारिस्थितिकी तंत्र स्वास्थ्य कार्ड की रचना के सम्बन्ध में प्रतिभागियों तथा विशेषज्ञों के मध्य साममूहिक चर्चा करते हुए स्वास्थ्य कार्ड को अन्तिम रूप देने हेतु सुझाव प्रस्तुत करते हुए कार्यशाला की संस्तुतियों को अन्तिम रूप दिया गया। तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन में, प्रतिभागियों द्वारा अयोध्या भ्रमण के दौरान सरयू नदी के जल की शुद्धता के मानक स्तर को बनाए रखने की विधियों पर भी चर्चा किया गया। कार्यशाला का सफल संचालन शोध अध्येता, साँचिली वर्मा द्वारा किया गया। कार्यशाला के दौरान देश के विभिन्न राज्यों के उपस्थित भारतीय वन सेवा अधिकारी एवं प्रतिष्ठित संस्थानों के विषय विशेषज्ञों द्वारा सामाजिक कौशल एवं पर्यावरण की जीवन शैली पर चर्चा किया गया। कार्यशाला के अन्त में पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. अनीता तोमर, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यशाला के समापन दिवस में केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कुमुद दुबे, आलोक यादव तथा डॉ. अनुभा श्रीवास्तव के साथ वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी-डॉ. एस.डी. शुक्ला, तकनीकी सहायक-धर्मेन्द्र कुमार, हरीश कुमार, अम्बुज कुमार तथा अन्य विभिन्न शोध छात्र आदि के सहयोग से कार्यशाला को सफलता पूर्वक सम्पन्न किया गया।