उत्तर प्रदेशप्रयागराज

अल्पज्ञात पौधों के उत्पादों पर प्रशिक्षण कार्यशाला

प्रयागराज २७ मार्च
बीके यादव/ बालजी दैनिक

पारिस्थितिक पुर्नस्थापन केन्द्र, प्रयागराज द्वारा ऑल इंडिया कोऑर्डिनेटेड परियोजन-16 के अंतर्गत वनों में पाए जाने वाले अल्पज्ञात पौधों की बायोप्रोस्पेक्टिंग से निर्मित व्यावसायिक उत्पादों पर प्रशिक्षण सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि अनिल शर्मा, उप महाप्रबंधक, नाबार्ड, प्रयागराज द्वारा किया गया। केन्द्र प्रमुख डॉ. संजय सिंह ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि वनीय पादपों के बायोप्रोस्पेक्टिंग तथा मूल्यवर्धन द्वारा उद्योग स्थापित कर आजीविका को समृद्ध किया जा सकता है। मुख्य अतिथि अनिल शर्मा ने उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कहा कि बायोप्रोडक्ट्स उद्यम लगाने हेतु अनुदान तथा बैंक ऋण प्रक्रिया को सुगमता से अपनाकर केन्द्र के सहयोग से उद्योगों को स्थापित किया जा सकता है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि कृषि आधारित स्टार्टअप को नाबार्ड द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान किया जाएगा। केन्द्र द्वारा संचालित परियोजना के अंतर्गत अनीता तोमर एवं अनुभा श्रीवास्तव द्वारा लिखित कामला, निर्गुण्डी तथा जंगल जलेबी पर आधारित पुस्तिकाओं एवं पत्रक का विमोचन किया गया। कार्यशाला समन्वयक एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनीता तोमर ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए परियोजना के अंतर्गत अल्प ज्ञात जंगली पौधों से औद्योगिक उत्पादों के निर्माण से यथा निर्गुण्डी की पत्तियों से तैयार हर्बल चाय, पेन बाम तथा वाइटेक्स शैम्पू, कामला से प्राप्त गोल्डन स्याही तथा जंगल जलेबी से प्राप्ति कूकीज तथा शैम्पू से अवगत कराया। तकनीकी सत्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने केन्द्र द्वारा तैयार किए गए जैव उत्पादों के माध्यम से निर्गुण्डी के वाष्पशील तेल द्वारा बाम बनाने की विधि का प्रदर्शन किया तथा प्रतिभागियों को निर्माण विधियों तथा औद्योगिक परियोजना स्थापित करने पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ वैज्ञानिक आलोक यादव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। केन्द्र के शोध अध्येताओं यथा स्वाति प्रिया एवं सत्यव्रत सिंह ने वाईटेक्स नेगुंडो से तात्विक तेल निष्कर्षण विधि द्वारा तैयार पेनबाम तथा कामला के फलों से रंजक तैयार करने का प्रदर्शन किया। कार्यशाला के अन्त में सत्यव्रत सिंह द्वारा जर्म प्लाज्म बैंक का भ्रमण कराया गया। आयोजित कार्यशाला में केन्द्र के वरिष्ठ अधिकारी यथा डॉ. कुमुद दूबे, डॉ. एस. डी. शुक्ला, रतन गुप्ता, तकनीकी सहायक धर्मेन्द्र, शोध अध्येतागण के साथ लगभग 50 प्रतिभागी आदि उपस्थित थे।

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