उत्तर प्रदेशप्रयागराज

दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन २० व २१ मार्च को

हिंदी के विकास में भोजपुरी, अवधी, ब्रज एवं बुंदेलखंडी के योगदान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार 20 से

मुक्त विश्वविद्यालय में होगा भाषा विशेषज्ञों का जमावड़ा

प्रयागराज १८ मार्च
बीके यादव/बालजी दैनिक

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय आगामी 20 एवं 21 मार्च 2025 को साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी के विकास में भोजपुरी, अवधी, ब्रज एवं बुंदेलखंडी भाषा के योगदान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन कर रहा है। जिसमें देश के विभिन्न भाषा विशेषज्ञ विचार – मंथन करेंगे और स्थानीय भाषा एवं बोलियों के विकास को आगे बढ़ाने में साहित्य अकादमी के साथ मिलकर मुक्त विश्वविद्यालय एक नया मानक स्थापित करेगा।
हिंदी के जाने-माने विद्वान एवं उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य सत्यकाम ने बताया कि अवधी भाषा हिंदी के विकास में एक महत्वपूर्ण स्तंभ रही है। इसका योगदान अतुलनीय है। इसी प्रकार भोजपुरी की हिंदी भाषा को अन्तर्राष्ट्रीय लोकप्रियता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। विश्व के अनेक देशों फिजी, सूरीनाम, मॉरीशस, गुयाना आदि देशों में भोजपुरी अपना रंग बिखेर रही है । ब्रजभाषा हिंदी साहित्य की एक प्रमुख भाषा रही है। भाषाई योगदान के अंतर्गत ब्रजभाषा ने हिंदी को मधुरता और लालित्य प्रदान किया है। बुंदेलखंडी भाषा का भी हिंदी के विकास में अप्रतिम योगदान है। बुंदेलखंडी में रचित लोकगीत और लोक कथाएं हिंदी साहित्य की महत्वपूर्ण निधि हैं।
आचार्य सत्यकाम ने कहा कि इन सहभाषाओं द्वारा हिंदी भाषा को विविधता प्राप्त हुई है। अतः इन सह भाषाओं का सम्मान करते हुए उनके संरक्षण और विकास के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है।
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने बताया किदो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन 20 मार्च को पूर्वाह्न 10:30 बजे मुख्य अतिथि जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर मजहर आसिफ करेंगे। विषय प्रवर्तन प्रोफेसर बद्री नारायण, सदस्य, सामान्य परिषद, साहित्य अकादमी, नई दिल्ली तथा स्वागत भाषण के. श्रीनिवास राव, सचिव, साहित्य अकादमी, नई दिल्ली का होगा। अध्यक्षता उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य सत्यकाम करेंगे।
इसके साथ ही प्रथम दिवस के प्रथम सत्र में अपराह्न 2:00 बजे से भोजपुरी का योगदान विषय पर विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर चंदन कुमार, प्रोफेसर प्रभाकर सिंह, अजीत सिंह तथा डॉ सत्य प्रकाश पाल विशिष्ट व्याख्यान देंगे। दूसरा सत्र अवधी के योगदान पर आधारित होगा। प्रथम दिवस को अपराह्न 4:00 बजे से आयोजित द्वितीय सत्र में विषय विशेषज्ञ रविनंदन सिंह, डॉ राजेश सिंह, प्रोफेसर राजेश गर्ग एवं डॉ सत्य प्रकाश त्रिपाठी विशिष्ट व्याख्यान देंगे। तृतीय सत्र 21 मार्च को पूर्वांचल 10:30 बजे से आयोजित होगा। जिसमें ब्रजभाषा का योगदान पर विस्तृत विचार विमर्श होगा। जिसमें विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर रामपाल गंगवार, प्रोफेसर हरि दत्त शर्मा तथा राजनाथ सिंह व्याख्यान देंगे। चतुर्थ सत्र द्वितीय दिवस को दोपहर 12:30 बजे से आयोजित होगा। जिसमें बुंदेलखंडी का योगदान पर विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर मुन्ना तिवारी, प्रोफेसर पुनीत बिसारिया, तथा डॉ बहादुर सिंह परमार का व्याख्यान होगा। द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन सत्र 21 मार्च को अपराह्न 3:00 बजे से आयोजित किया जाएगा। समापन सत्र के मुख्य अतिथि राजेश लाल मेहरा, अध्यक्ष, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग, इंदौर होंगे तथा अध्यक्षता कुलपति आचार्य सत्यकाम करेंगे। कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी एवं प्रोफेसर एस कुमार ने बताया कि सरस्वती परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में आयोजन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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