उत्तर प्रदेशबरेली

रंग महोत्सव बरंगम 2025 मे आज भी हुए दो नाटक, कल रहेगा आखिरी दिन

बरेली। रंगालय एकडेमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी के तत्वावधान में 15 वां बरेली रंग महोत्सव बरंगम 2025 कल से श्री हरि मंदिर बारातघर मे शुरू हुआ है।

बरंगम 2025 में अखिल भारतीय नाट्य प्रतियोगिता के द्वितीय दिवस अहमदाबाद की संस्था ने नाटक ग्राहक का मंचन किया। मुंबई में अच्छा मकान और अच्छे किराएदार बड़ी मुश्किल से मिलते हैं इसी को लेकर नाटक का तानाबाना बुना गया है जिसमें दिखाते हैं कि एक संतराम भाऊ नाम का दलाल किराएदार को मकान दिखाने लाता है, वो किराएदार राव साहब जोशी जोकि एक क्लर्क होता है उसको घर दिखाता है, कई तरीके अपनाता है समझाता है बहलाता है अपनी बातों से, मकान की तारीफों के पुल बांधता है। उधर ऊपर वाले फ्लोर पर रहने वाला एक दूसरा किराएदार खण्डे राव भल्ला नए किराएदार को भूत बन कर डराता है पर पकड़ा जाता है, मकान घूमते वक़्त अचानक एक लाश मिलती है जिसको एक पुराना किराएदार बता का दलाल बोलता है य़ह वहीं है जिसने हमसे मकान नहीं लिया था इसलिये इसको मार दिया, य़ह सुनकर राव जोशी घबरा कर मकान के एग्रीमेंट पर साईंन कर देता है, तभी वो लाश उठ जाती है और बोलता है कि मैं भास्कर पंडित हूँ इस मकान का असली मालिक, मैंने ही दलाल को बोला था कैसे भी करके मकान में किराएदार लाओ, उनकी इस हरकत को जान कर राव जोशी कहते हैं कि मैं मकान देखने नहीं घर बनाने आया था लेकिन अब नहीं रह सकता फिर वो चला जाता है यहीं पर नाटक समाप्त हो जाता है।

दूसरा नाटक नक्श थिएटर फर्रुखाबाद ने लेखक प्रेम सागर सिंह द्वारा लिखित नाटक मलेक्ष हुआ जिसमें जात -पात, छुआ -छूट, ऊंच -नीच सामाजिक विसंगतियों पर जमकर प्रहार किया गया। नाटक में मरघट के राजा मलेक्ष की कहानी दर्शाई गई। अलग-अलग दृश्यों में सामाजिक कुरीतियों को दर्शाया गया। कि वर्तमान के बदलते समाज में इंसान कितना संवेदन शून्य हो गया है। नाटक का निर्देशन एक्टर/ डायरेक्टर अमित सक्सेना ने किया ।
नाटक में मलेक्ष धीरज मौर्य, राजगौरव पाण्डेय, सत्या, मलेक्ष की पत्नी संध्या पाण्डेय, सहयोगी पात्र विशाल, शुभम, अंकित, अंकुश, प्रियांश, दिलीप, ड्रेस नेहा सक्सेना, मेकअप संध्या पाण्डेय, सैट धीरज, सत्या, ध्रुवी लकी तिवारी, लाइट शैली दिवाकर ने किया। नाटक का निर्देशन एवं म्यूजिक अमित सक्सेना द्वारा किया गया।

आज नाटकों के दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप मे डॉ विनोद पागरानी, पार्षद राजेश अग्रवाल, महेन्द्र पाल राही, दर्शन सिंह रहे।

निर्णायक मंडल मे नाटककार संजीव कुमार शुक्ला, ऋषि रंजन सिंह, राजेन्द्र सिंह रहे।

संचालन व संयोजन शैलेन्द्र आजाद का रहा। अन्य सहयोगियों में सुशील सक्सेना, मोहित सक्सेना, हरिओम, शालिनी गुप्ता, मानस सक्सेना, राजीव श्रीवास्तव, कमल श्रीवास्तव, हरमीत सिंह मेहता, सी ए विनिश् अरोरा, सचिन श्याम भारतीय मौजूद रहे।

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