उत्तराखण्डराज्य

Adopting Villages of Uttarakhand: उत्तराखण्ड के गांव गोद लेने में अभूतपूर्व उत्साह

प्रवासी सम्मलेन में उदारता और सहयोगपूर्ण शैली दिखाए अधिकारी – राधा रतूड़ी
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए

देहरादून, 7 जनवरी: देश और दुनियाभर से बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड मूल के प्रवासियों द्वारा राज्य में गांवों को गोद(Adopting Villages of Uttarakhand) लेने में व्यक्त किए जा रहे अभूतपूर्व उत्साह को देखते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में प्रवासियों से सम्पर्क, समन्यव तथा योजनाओं को प्रभावी रूप से धरातल पर लाने हेतु हर जिले में एक-एक नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को स्पष्ट किया है कि प्रवासियों द्वारा गोद लिए जा रहे गांवों में विकास हेतु जिस भी क्षेत्र कार्य करने की इच्छा व्यक्त की जा रही हैं उसमें किसी भी प्रकार की बाध्यता ना रखी जाए। प्रवासियों को उनकी इच्छा और रूचि के अनुसार सभी विकल्प दिए जाए।

Adopting Villages of Uttarakhand

सीएस ने सख्त निर्देश दिए हैं कि इस कार्य में प्रशासन द्वारा पूरी उदारता एवं सहयोगपूर्ण शैली से कार्य किया जाए। प्रवासियों द्वारा राज्य के गांवों के विकास में भागीदारी हेतु किए जा रहे आवेदनों को सकारात्मकता से लेने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने इसे जिलाधिकारियों एव जिला प्रशासन की व्यक्तिगत जिम्मेदारी बताया हैं। उन्होंने जिला प्रशासन एवं सम्बन्धित विभागों को प्रवासियों को इस कार्य में तकनीकी मार्गदर्शन एवं अन्य अपेक्षित सहायता ससमय उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने सभी जिलों को अपने-अपने प्रवासियों का डाटाबेस जिलास्तर पर बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रवासियों द्वारा गांवों को गोद(Adopting Villages of Uttarakhand) लिए जाने की योजना में ग्राम प्रधानों, स्थानीय निवासियों, ग्राम विकास अधिकारी सहित ग्रामीणों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं।

Adopting Villages of Uttarakhand

सचिवालय में राज्य के सभी जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ अन्तर्राष्ट्रीय उत्तराखण्डी प्रवासी सम्मेलन पर विडियों काॅन्फ्रेस के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि प्रवासियों को ग्राम स्तर के विकास प्रक्रिया से जोड़ने एवं प्रेरित करने, प्रवासियों की विशेषज्ञता, अनुभवों तथा वितीय सहायता का लाभ राज्य के गांवों के सम्पूर्ण विकास को मिले इसके लिए प्रशासन को भी अति सक्रियता एवं उत्साह से कार्य करना होगा।

अमेरिका से शैलेश उप्रेती

अमेरिका में निवासरत शैलेश उप्रेती अल्मोड़ा के मानन गांव को गोद ले रहे हैं। श्री शैलेश उप्रेती आईआईटी दिल्ली से पीएचडी स्कोलर हैं। वे अमेरिका की एनर्जी फ्रटियर रिसर्च सेन्टर के सदस्य हैं। वे सी4वी के अध्यक्ष भी हैं। वे एम्पीरियम 3 के चेयरमेन होने के साथ ही प्रो0 स्टेन विटिंगन के गु्रप मेम्बर भी हंै। वे अल्मोड़ा में एक माॅडल एनर्जी स्टोरेज सेन्टर विकसित करना चाहते हैं। वे यहां पर अपना इण्डिया काॅरपरेट आॅफिस खोलना चाहते हैं।

यूनाइटेड किंगडम से नीतू अधिकारी

यूनाइटेड किंगडम में रहने वाली नीतू अधिकारी वहां पर पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी हैं। वह नैनीताल का एक्वा तोक जंगलिया गांव गोद ले रही हैं। वे राज्य में विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती हैं तथा उक्त गांव में कीवी की खेती एवं योग केन्द्र स्थापित करेंगी। इसके साथ ही वे सभावाला देहरादून में कौशल विकास पर कार्य करेंगी।

चीन से देव रतूड़ी

चीन में रहने वाले देव रतूड़ी जो कि एक प्रतिष्ठित उद्यमी, समाजसेवी एवं अभिनेता हैं ने टिहरी के सुनार गांव एवं केमरिया गांवों को गोद(Adopting Villages of Uttarakhand) लिया है। उनके द्वारा इसके लिए जिला प्रशासन को फण्ड भी उपलब्ध करा दिए गए हैं। उन्होंने उक्त गांवों में सामुदायिक सुविधाओं के विकास, सोलर लाइट, गांवों के युवाओं को चीन में रोजगार दिलवानें में सहायता, शिक्षा में रूचि व्यक्त की गई हैं। जिलाधिकारी टिहरी द्वारा बताया गया कि उक्त गांवों में उनके द्वारा प्रदान किए गए फण्ड से बहुत से कार्य सम्पन्न हो चुके हैं।

यूनाइटेड अरब अमीरात से विनोद जेथूरी

दुबई के निवासी विनोद जेथूरी प्रतिष्ठित शिक्षाविद तथा समाजसेवी हैं। अपने एनजीओं समून के माध्यम से वे उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। वे उत्तरकाशी में ओसला गांव गोद ले रहे हैं, जहां पर वे कौशल विकास पर कार्य करेंगे।

दुबई से गिरीश पंत

दुबई निवासी पिथौरागढ़ मूल के गिरीश पंत को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019 का प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान से पुरस्कृत किया गया है। उन्हें यूक्रेन युद्ध तथा कोविड के दौरान उत्कृष्ट सेवा कार्यों के लिए अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता हैं। वे पिथौरागढ़ में बजेट, बरशायत व बेरीनाग गांव गोद(Adopting Villages of Uttarakhand) ले रहे हैं। वे यहां पर शिक्षा, कम्पयूटर शिक्षा व स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन के लिए कार्य करेंगे।

थाईलेण्ड से डा ए के काला

बैंकोक के बराउटेन गु्रप के अध्यक्ष एवं सीईओ डा ए के काला पौड़ी का फण्दाई गांव गोद ले रहे हैं। वे यहां शिक्षा एवं स्थानीय उत्पादों के लिए कार्य करेंगे।

दिल्ली से बी पी अंथवाल

दिल्ली निवासरत प्रतिष्ठित वकील जो 2008 से अपने टिहरी स्थित अपने गांव में तेजपात, रोज, लेमनग्रास एवं मसालों की कृषि कार्यो में लगे हैं। इन्होंने टिहरी के मंजेरी तथा मुयाल गांवों को गोद ले रहे हैं। वे इन गांवों में किसानों को उच्च मूल्य की फसलों की खेती हेतु प्रेरित करना चाहते हैं।

लखनऊ से एम पी भटट

लखनऊ में निवासरत एम पी भटट एक कृषि उद्यमी हैं जिन्हें टिश्यू कल्चर में विशेषज्ञता हासिल हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि में उत्कृष्ट कार्य हेतु कई पुरस्कार मिल चुके हैं। वे टिहरी में झौन एवं भदरसू गांव गोद ले रहे हैं। वह स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर अदरक, हल्दी तथा लेमन के खेती को बढ़ावा देना चाहते हैं।

अहमदाबाद से डा विरेन्द्र रावत

अहमदाबाद से डा विरेन्द्र रावत ग्रीन मेंन्टर्स के फाउण्डर तथा डाइरेक्टर हैं। उनकी संस्था सस्टेनेबल फार्मिंग में ग्लोबल लीडर है, जो शिक्षा तथा नीतिगत सुधारों से जुड़ी है। उन्होंने सयुंक्त राष्ट्र के साथ भी कार्य किया है। डा विरेन्द्र रावत प्रतापनगर में हेरवाल गांव गोद ले रहे हैं। वे इस गांव को ग्रीन विलेज के रूप में विकसित करना चाहते हैं।

बैंगलोर से प्रदीप सती

बैंगलोर में रहने वाले प्रदीप सती मार्केटिंग प्रोफेशनल हैं जो आईबीएम, एचपी, लेनोवों जैसी प्रतिष्ठित कम्पनियों के साथ लम्बे समय तक कार्य कर चुके हैं। वे भिकियासैंण में हानड गांव गोद ले रहे हैं, जहां पर वह ईको टूरिज्म तथा संतरे व सेब की व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देंगे।

मुम्बई से हिमानी शिवपुरी

प्रतिष्ठित अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी भटवाड़ी गांव को गोद ले रही हैं। वे यहां पर पर्यावरण संरक्षण, आजीविका उत्पादन तथा संस्कृति के लिए कार्य करेंगी।

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