जब वकील बनकर डीआईजी अमित पाठक ने किया थानाध्यक्ष कौड़िया से बात
सूदखोरों के चंगुल से डीआईजी ने छुड़ाया गरीब व्यक्ति को, दिलाया इंसाफ
अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज़ दैनिक
गोंडा – सोमवार को एक पीड़ित व्यक्ति जो पहले कौड़िया थाना अंतर्गत रहकर दुकान किया करता था किंतु अब सूदखोरों के कारण इटियाथोक में रहने लगा है उसने वही किसी सूदखोर से 1,20,000 रुपए शादी के लिए ब्याज पर ऋण लिया और चार लाख 80 हजार रुपए चुकाने के बाद भी और पैसा देने का दबाव बनाया जा रहा था और उसके इस अवैध काम में थाना अध्यक्ष कौड़िया दुर्ग विजय सिंह भी बराबर दबाव बनाकर पीड़ित को धमकाते थे की आकर मिलो और उसका एक लाख उसे वापस करो जब
यह प्रकरण पुलिस उपमहानिरीक्षक देवीपाटन अमित पाठक जी के पास आया और उनसे उक्त गरीब व्यक्ति ने रो-रो कर पूरी बात बताई उन्होंने कहा दरोगा का नंबर है तुम्हारे पास उसने कहा हां सर है कहा फोन मिलाओ और बताओ कि दरोगा साहब वकील साहब से बात कर लो थाना अध्यक्ष ने वकील समझ कर लगभग 10 मिनट तक डीआईजी साहब से तर्क वितर्क किया तत्पश्चात जब उन्होंने बताया कि मैं डीआईजी बोल रहा हूं तो उसके सुर कुछ नरम पड़ गए क्योंकि वह उनसे बार-बार पूछ रहे थे कि यह तो सिविल
मेटर है इसमें पुलिस का क्या काम है लेकिन वह कह रहे थे नहीं पुलिस तो हर मामले में इंवॉल्व होती है और उसका पैसा क्यों नहीं दे रहे हैं उन्होंने कहा कि इसमें मुकदमा किस क्षेत्र में लिखकर इसको जेल भेजोगे इन सब बातों का जवाब नहीं दे पाए थाना अध्यक्ष और बार-बार यह कह रहे थे कि मैं एस एच ओ कौड़िया बोल रहा हूं तत्पश्चात डीआईजी साहब ने अपने पी आर ओ से कहा की एक लेटर टाइप करो और इनको ट्रेनिंग की कमी है अनुभवहीन है यह और भविष्य में किसी और को परेशान ना करें ऐसा लेटर टाइप करो और पुलिस अधीक्षक को भेज दो पीड़ित जब जाने लगा तो कहा साहब फिर दरोगा जी ना परेशान करें उन्होंने कहा अब तुम्हें कोई परेशान नहीं करेगा और किसी को कोई पैसा देने की आवश्यकता नहीं है यदि दोबारा कोई फोन करेगा तो तुम सीधे हमारे पास चले आना ।