लाइफस्टाइल

क्यों बदल रहा है इंसानों का Normal Body Temperature?

ब्यूरो रिपोर्ट, 21 जनवरी: इंसानों के शरीर का नार्मल टेंपरेचर(Normal Body Temperature) लंबे समय से 36.6 डिग्री सेल्सियस (98.6°F) माना जाता रहा है. लेकिन हाल ही में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक शोध ने इस परंपरागत धारणा को तोड़ते हुए नए फैक्ट उजागर किए हैं. अध्ययन के अनुसार, अब इंसानों का औसत बॉडी टेम्परेचर(Normal Body Temperature) पहले के मुकाबले कम हो रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह परिवर्तन न केवल हमारे शरीर की प्रक्रियाओं पर असर डाल रहा है, बल्कि यह हमारी सेहत के नए स्टैण्डर्ड भी तय कर सकता है.

Normal Body Temperature

एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस बदलाव के पीछे कई कारण हो सकते हैं. सबसे बड़ा कारण है बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और साफ-सफाई का बढ़ता स्तर. पहले के समय में संक्रमण और बीमारियों के चलते शरीर में सूजन अधिक होती थी, जिससे तापमान अधिक रहता था. लेकिन आज की लाइफस्टाइल में मरीजों और संक्रमणों की दर में कमी आई है, जिससे औसत तापमान भी कम हो गया है. इसके अलावा, ठंडी और गर्म जगहों पर रहने की क्षमता, वातानुकूलित वातावरण और शारीरिक गतिविधियों में कमी भी इस बदलाव का हिस्सा हो सकते हैं.

Normal Body Temperature

क्या हैं इसके प्रभाव?

बॉडी टेम्परेचर(Normal Body Temperature) में बदलाव हमारे शरीर की काम करने की क्षमता और इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर सकता है. इसके चलते डॉक्टरों को मरीजों की स्थिति का आकलन करने के लिए नए मानदंड तैयार करने की जरूरत पड़ सकती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बदलाव को समझने के लिए और अधिक शोध की जरूरत है. यह एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है कि मानव शरीर कैसे पर्यावरण और लाइफस्टाइल के हिसाब से खुद को ढाल रहा है

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