कैद और पहरे में क्यों रहती है Budget बनाने वाली स्पेशल टीम?
परिवार और समाज से भी दूर रहते हैं बजट बनाने वाले अफसर
ब्यूरो रिपोर्ट, 25 जनवरी: 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारत का आम बजट(Budget) पेश करने वाली हैं. यह बजट मोदी सरकार का 14वां बजट होगा. बजट पेश होने से पहले लोग जानना चाह रहे हैं कि बजट तैयार करने वाली टीम का काम कितना चुनौतीपूर्ण होता है. दरअसल, बजट का निर्माण केवल एक दिन का काम नहीं है, यह एक जटिल और गहन प्रक्रिया होती है, जिसमें कई विभागों और मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित करना होता है.बजट तैयार करने वाली टीम की जिम्मेदारी अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि बजट देश की आर्थिक दिशा और जनता के लिए सरकारी योजनाओं की रूपरेखा तय करता है. इस कारण टीम को पूरी प्रक्रिया के दौरान सभी के संपर्क से दूर कर दिया जाता है, जिसकी वजह से उन्हें “कैद” जैसा अनुभव होता है.
बजट की गोपनीयता के साथ टीम कैद में
बजट(Budget) तैयार करने का काम अत्यधिक गोपनीय होता है. सरकार के अधिकारी और बजट टीम के सदस्य सभी महत्वपूर्ण आंकड़ों, आंकलनों और योजनाओं के बारे में पूरी तरह से चुप रहते हैं. उन्हें इस प्रक्रिया के दौरान मीडिया से बात करने या किसी बाहरी व्यक्ति से विचार-विमर्श करने की अनुमति नहीं होती.इसका मुख्य कारण यह है कि बजट की जानकारी पहले सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए, ताकि वित्तीय योजनाओं का प्रभाव और सार्वजनिक राय पर कोई अप्रत्याशित असर न पड़े. इस दौरान टीम के सदस्य अपने कार्यों में पूरी तरह से व्यस्त रहते हैं, जिससे वे अपने परिवार और समाज से भी दूर रहते हैं.
सबसे बड़ी बात कि जब तक बजट(Budget) बनता है, तब तक बजट बनाने वाली टीम को किसी से संपर्क करने की अनुमति नहीं होती. उसे वित्त मंत्रालय की देखरेख में एक जगह रखा जाता है, जहां रहकर ये टीम पूरा बजट तैयार करती है.बजट तैयार करने वाली टीम के सदस्यों को अधिक सैलरी मिलने का सवाल अक्सर उठता है. हालांकि, बजट टीम को विशेष पुरस्कार और प्रोत्साहन मिलते हैं, लेकिन उनकी सैलरी में कोई भारी वृद्धि नहीं होती. सरकारी कर्मचारियों के लिए बजट तैयार करने का काम मुख्य रूप से एक कर्तव्य और राष्ट्रसेवा के रूप में देखा जाता है.