पत्नी हैं जिला अस्पताल में तो डर काहे का
जिला अस्पताल से धड़ल्ले से फर्जी डायग्नोस्टिक सेंटर पर जा रहे सैंपल।
रजिस्ट्रेशन का चोला ओढकर झोलाछाप डॉक्टर कर रहे धड़ल्ले से कर रहे संचालन
रिपोर्ट – कौशिक पाण्डेय
जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सीएमओ व जिलाधिकारी को कड़े निर्देश दिए गए है कि किसी भी क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर व फर्जी डायग्नोस्टिक सेंटर नहीं संचालित हों यदि कर रहे तो इन पर कड़ी कार्यवाही कीजाय मगर लगातार झोलाछाप डॉक्टर व पैथोलॉजी पर कार्यवाही की खबरे पेपर की सुर्खियों में भी रही है मगर कही न कही स्वास्थ्य विभाग की ढिलाई से झोलाछाप डॉक्टर व फर्जी पैथोलॉजी धड़ल्ले से संचालित कर रहे है आपको बता दे रामकोट रोड पर बना विश्वास हॉस्पिटल इसका जीता – जाता उदाहरण है जिसका स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ही रजिस्ट्रेशन किया गया था मगर डॉक्टर कभी उपस्थित नहीं होते है विश्वास हॉस्पिटल स्वास्थ्य विभाग की नजरों से 2 सालों से बचता नजर आ रहा है वही संचालक बीरू वर्मा द्वारा उनके हॉस्पिटल में सुविधाओं के नाम पर पूरा खाका तैयार है यहां मरीजों को इलाज तो मिलता है लेकिन प्रशिक्षित डॉक्टर से नहीं बल्कि ओटी टेक्निशियन बीरू वर्मा से किया जाता हैं वही सूत्र बताते हैं कि फर्जी डॉक्टर वीरू वर्मा द्वारा लगातार ऑपरेशन किए जाते है
यही इनका प्रमुख कार्य है यही नहीं इनके द्वारा बड़े बड़े हॉस्पिटल में जाकर कैची चलाई जाती है क्योंकि इनकी फीस बहुत कम है इसी कारण सभी हॉस्पिटल इनको मरीज की जान से खेलने के लिए बुला लेते है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की नज़रे अभी तक इन पर नहीं पड़ी है।
वही जिला अस्पताल रोड पर बनी एसपीसी डायग्नोस्टिक सेंटर जहा न तो कोई पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर न तो कोई एलटी है बस है तो रजिस्ट्रेशन उसी के आधार पर धड़ल्ले से हवा हवाई जांचें निकाल कर अपनी जेबें भर रहे है जानकारी के मुताबिक संचालक की पत्नी जिला अस्पताल में कार्यरत है जो कि मरीजों को अच्छी जांच को लेकर भ्रमित कर अपनी पैथोलॉजी में जांच कराने के लिए भेजती है अब सवाल यह खड़ा होता है क्या स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीते कुछ दिनों पहले जो कार्यवाही की गई थी क्या उसके बाद भी इन झोलाछाप पैथोलॉजी और हॉस्पिटलों के संचालकों में कोई डर व्याप्त नहीं हुआ है आखिर कब तक ये जनता को अपना शिकार बनाते रहेंगे देखना यही है कि खबर प्रकाशन के बाद स्वास्थ्य विभाग क्या कदम उठाता है या ये खेल यूंही जारी रहेगा ।
वही इस संबध में नोडल अधिकारी मनोज देसमणी से बात की गई तो उन्होंने जल्द ही जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है अब देखने वाली बात यह होती है कि कार्यवाही होती है कि की जांच नाम पर खाना पूर्ति कर पल्ला झाड़ लिया जाता है.