पर्दे के पुख्ता इंतज़ामात के साथ महिलाओं व पुरुषों को सुनाई तरावीह में मुकम्मल क़ुरान

महिलाओं व पुरुषों को तरावीह की नमाज़ में मुकम्मल क़ुरान सुना कर पेश की नज़ीर, जमकर हो रही सराहना
ब्यूरो रिपोर्ट अनूप पाण्डेय
झरेखापुर सीतापुर। माहे रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। जो मुस्लिम समाज के लिए बहोत ही महत्वपूर्ण है। इसी महीने में मोहम्मद साहब पर पूरा कुरान अवतरित हुआ है। जिसे मुसलमानों के द्वारा रमज़ान के महीने में इ ईशा की नमाज़ के साथ तरावीह की नमाज़ अदा करते है। जिसे हाफ़िज़ ए कुरान के द्वारा पूरा क़ुरान मुकम्मल सुनाया जाता है। ऐसे में शहर से लेकर गांवों कस्बों आदि में कहीं पांच, कहीं सात तो कहीं दस तो कहीं 15 दिन में घरों, मदरसों व मस्जिदों में तरावीह की नमाज़ में क़ुरान मुकम्मल कराई जा रही है। वहीं किसी मस्जिद में पूरे माह तरावीह पढ़ाई जा रही है।
ऐसे में बहोत ही कम उम्र के हाफिज मोहम्मद हम्माद ने हरगांव क्षेत्र की ग्राम पंचायत सेलूमऊ के मोतीपुर गांव स्थित अपने घर पर पहली बार महिलाओं व पुरुषों को पर्दे के पुख्ता इंतज़ामात के बाद 21 दिनों में शनिवार को तरावीह की नमाज़ में क़ुरान मुक्कमल करते हुए नज़ीर पेश की है, जिसकी जमकर सराहना की जा रही है।
शनिवार की देर शाम तरावीह नमाज में कुरान मुकम्मल हुआ। हाफिज मोहम्मद शुऐब ने कहा कि साल के 11 माह में नेकियो का बदला अल्लाह फरिश्तों से दिलवाता हैं, लेकिन रमजान माह में जो बंदे नेकी करते हैं, उसका बदला अल्लाह अपने बंदों को खुद देता हैं। उन्होंने लोगों से रोजा रखने, कुरान की तिलावत करने व इबादत करने की बात कही। उन्होंने लोगो से रमजान में दिन का रोजा रखने और रात को तरावीह की नमाज का एहतेमाम के साथ पढ़ने की बात कही।
वही मौलाना मोहम्मद सुफियान ने तरावीह में क़ुरान मुकम्मल होने के उपरांत मौजूद नमाज़ियों से मुखतिब होते हुए कहा की माहे रमज़ान में हमारे नबी (स.अ.) पर क़ुरान अवतरित हुआ है इस माहे मुबारक़ में तरावीह की नमाज़ में क़ुरान सुन्ना सुन्नत है और तरावीह मुकम्मल होने पर हाफिज के लिए यह इनाम का वक्त होता है जिस तरह महीने भर के रोज़े रखने के बाद अल्लाह तबारक ताला अपने बंदे से खुश होकर इनाम में ईद से नवाज़ता है, उसी तरह एक हाफिज के लिए यह मौका इनाम का होता है। आगे बताते हुए कहा तरावीह में क़ुरान मुकम्मल होने का मतलब यह नही है कि तरावीह की नमाज़ भी मुकम्मल हो गयी। तरावीह की नमाज़ पूरे महीने पढ़ना सुन्नत है आगे भी आप लोग एहतेमाम के साथ पढ़े।
इस दौरान मौलाना मोहम्मद सुफियान ने बारगाहे इलाही में हांथ उठा कर सबकी खुशहाली, देश की तरक्की, अमन, चैन, शांति की दुआ मांगी।
दुआ के उपरांत मौजूद नमाज़ियों ने हाफिज मोहम्मद हम्माद का जोशो खरोश के साथ स्वागत करते हुए मुसाफा किया और गले मिले। इनामात के रूप में नगदी, कपड़े एवं मिठाईयां दी।
इस मौके पर मो० इशहाक, मो० उस्मान, अब्दुल रहीम, शाहिद अली, इरफान अहमद, मो० अख़लाक़ (गुड्डू), मो० सलमान, मो० रिजवान, मो० अशफाक (छोटू), मो० हमजा, मो०अरसलान, मो० अबान नूर, मो० फ़ैज़, मो० अज़ान नूर व बच्चे बूढ़े समेत आधा सैकड़ा के करीब महिलाएं मौजूद रही।