गीता विज्ञान और कर्मयोग पर कार्यशाला आयोजित

प्रयागराज 29 नवंबर
बीके यादव/ बालजी दैनिक
युवाओं के बौद्धिक, सामाजिक व चारित्रिक विकास के बिना उत्तम राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता -अशोक कुमार पाठक
प्रयागराज l विद्या भारती से संबद्ध काशी प्रांत के रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज राजापुर प्रयागराज में वंदना सभा के उपरान्त कक्षा नवम से द्वादश तक के छात्र-छात्राओं के समक्ष प्रधानाचार्य बांके बिहारी पाण्डेय की अध्यक्षता में “गीता विज्ञान और कर्मयोग ” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
विद्यालय के संगीताचार्य मनोज गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि और वक्ता सनातन एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार पाठक एवं प्रधानाचार्य के द्वारा दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती और भारत माता की आरती करके किया गया। तत्पश्चात अशोक पाठक ने अपने उद्बोधन में ‘श्रीमद्भगवद गीता’ में कर्म योग विज्ञान पर बोलते हुए कहा कि “योगः कर्मसु कौशलम्” कर्म की कुशलता ही योग है। कर्म, अकर्म, विकर्म की व्याख्या करते हुए उन्होने बताया कि जो मनुष्य के द्वारा किये जाने योग्य है वह कर्म हैं जो कि किये जाने चाहिए। अकर्म निषिद्ध कर्म हैं जो कि नहीं किये जाने चाहिए और विकर्म विहित कर्म के विरुद्ध कर्म हैं। व्यक्ति को पता होना चाहिए कि क्या करने योग्य है, क्या नहीं करना चाहिए तथा कर्म को किस विधि से करना चाहिए। गीता के चौथे अध्याय के सोलहवें श्लोक में कहा गया है कि
“कर्मणो ह्यपि बोधव्यं, बोधव्यं च कि विकर्मण: । अकर्मणश्च वोधव्यं गहना कर्मणो गतिः”
युवाओं के बौद्धिक, सामाजिक व चारित्रिक विकास के बिना उत्तम राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता l राष्ट्र निर्माण अभियान में गीता का कर्म विज्ञान उत्तम मार्गदर्शन करता है। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन एवं मुख्य अतिथि का सम्मान करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पाण्डेय ने कहा कि गीता से युवाओं को मार्ग दर्शन लेना चाहिए, और राष्ट्र निर्माण अभियान को शक्ति प्रदान करते हुए भारत को विश्व नेतृत्व के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनी चाहिए।
कार्यक्रम में अभिभावक बंधुओं के साथ-साथ विद्यालय के शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं की उपस्थिति रही l कार्यक्रम का कुशल एवं सफल संचालन सत्य प्रकाश पाण्डेय ने किया l