उत्तराखण्ड

युवा संगम में आमंत्रित किये गए युवा विद्यार्थी , पेशेवर और ऑनलाइन शिक्षार्थी

आवेदन के लिए अंतिम तारीख है 21 अक्टूबर

आशीष तिवारी , बालजी दैनिक

देहरादून , 20 अक्टूबर , एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत शुरु किए गए सांस्कृतिक आदान प्रदान कार्यक्रम युवा संगम के पांचवे चरण के पंजीकरण तेजी से भरे जा रहे हैं, जिसके लिए अंतिम तारीख 21 अक्टूबर 2024 है। यह पहल शिक्षा मंत्रालय द्वारा की गई है जिसका उद्देश्य है भारत के विविध क्षेत्रों के युवाओं (18 से 30 वर्ष) के बीच सम्पर्क और सहयोग को प्रोत्साहित करना। युवा पेशेवरों (नौकरीपेशा/स्वरोजगार वाले) और विद्यार्थियों (एनएसएस/एनवायकेएस वॉलंटियर समेत) तथा ऑफ-कैम्पस युवाओं (ऑनलाइन कोर्स, कौशल संस्थानों आदि में दाखिला लिए हुए) को इस जीवन परितर्वनकारी अनुभव हेतु आवेदन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

इस युवा संगम कार्यक्रम के तहत चयनित सहभागियों को 5-7 दिनों के लिए दूसरे राज्य की यात्रा करने का मौका मिलेगा और वे वहां के स्थानीय इतिहास, संस्कृति व परम्पराओं की जानकारी ले सकेंगे। भारत के इस प्रत्यक्ष अनुभव से उनके ज्ञान की सीमाओं का विस्तार होगा तथा देश की विविधता के बारे में उनकी समझ गहरी होगी। इन यात्राओं के दौरान हुई दोस्तियों और हासिल दृष्टिकोणों का प्रभाव आजीवन रहेगा और ये युवाजन अपने जीवन में जो पेशेवर एवं अकादमिक प्रयास करेंगे वे इन अनुभवों की वजह से समृद्ध होंगे।

इस विनिमय कार्यक्रम को शिक्षा मंत्रालय द्वारा आरंभ किया गया है और कई अन्य केन्द्रीय मंत्रालयों एवं विभागों द्वारा इस कार्यक्रम को सहयोग दिया जा रहा है। इसके तहत सहभागियों के लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था और उनकी यात्रा की योजना बनाई जाएगी जिससे उनका अनुभव यादगार हो जाए। इस विनिमय कार्यक्रम में चयन हेतु विविधता एवं समावेशन प्राथमिकताएं हैं इसलिए सभी जेंडर व भौगोलिक इलाकों, ग्रामीण या शहरी युवाओं को इस कार्यक्रम हेतु आवेदन को प्रोत्साहित किया जाता है।

’’इस सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम से सीखे सबक व्यक्तियों एवं राष्ट्र के लिए लाभकारी हैं। दूसरी संस्कृतियों से परिचय होने से जागरुकता और समानुभूति विकसित होती है। ज्ञान की सीमाएं विस्तृत होने से व्यक्ति अभिनव और समावेशी समाधानों के जरिए चुनौतियों को हल कर सकता है – भविष्य के कार्यबल के लिए यह एक अहम आवश्यकता है। अन्य समुदायों से मुलाकात युवाओं को साझा ताकतों को सराहने में, साझा चुनौतियों के समाधान में मददगार होगी तथा वे उन सर्वश्रेष्ठ विधियों की पहचान कर सकेंगे जिन्हें वे अपने राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के लिए अपना सकेंगे। युवा संगम राष्ट्र निर्माण का एक अभ्यास है, यह ’एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के विचार का मूर्त रूप है जिसे प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रस्तावित किया गया है,’’ शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।

युवा संगम पांच व्यापक क्षेत्रों में इस बहुआयामी अनुभव को प्रोत्साहित करेगा

भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच इस सतत् एवं संरचित सांस्कृतिक सम्पर्क का विचार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2015 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस के दौरान प्रस्तावित किया था। इस विचार को मूर्त रूप देने के लिए 31 अक्टूबर 2016 को ’एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम लांच किया गया ताकि विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मध्य लोगों के सम्पर्क एवं परस्पर समझ को बढ़ावा दिया जा सके। युवा संगम के पांचवे चरण के लिए पूरे भारत से 20 प्रतिष्ठित संस्थानों को चुना गया है। इस दौरान इन राज्यों/के.शा.प्र. के सहभागी नोडल उच्चतर शिक्षा संस्थान की अगुआई में अपने युगल राज्यों/के.शा.प्र. का दौरा करेंगे। युवा संगम के पिछले चरणों में भारी उत्साह देखने को मिला था, बीते चरण में पंजीकरण 44,000 का आंकड़ा पार कर गया था। अब तक समग्र भारत के 4,795 युवा इस कार्यक्रम के विभिन्न चरणों में 114 यात्राओं में भाग ले चुके हैं (जिनमें 2022 में आयोजित युवा संगम का प्राथमिक चरण भी शामिल है)।

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