उत्तर प्रदेशबरेली

घरेलू कुत्ते के काटने पर झाड़फूंक के चक्कर मे युवक ने दम तोड़ा

बरेली। पालतू कुत्ते के काटने के बाद एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के बजाय झाड़फूंक कराना एक युवक की जिंदगी पर भारी पड़ गया। रैबीज संक्रमण के बाद उसने दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग की आईडीएसपी सेल भी बेखबर बनी रही। महीने भर पहले हुई घटना का उसे अब पता लग पाया है।

भोजीपुरा के लक्ष्मियापुर गांव में रहने वाले रामदुलारे को जनवरी के पहले सप्ताह में ही पालतू कुत्ते ने घर पर ही काटकर घायल कर दिया था। रामदुलारे ने इसके बावजूद एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के बजाय रिश्तेदार की सलाह पर नवाबगंज में झाड़फूंक करा ली थी। उसे वहां फूंका हुआ पानी पिला दिया गया था। परिवार वालों के मुताबिक जनवरी के अंत में नवाबगंज में अपने रिश्तेदार के घर गए रामदुलारे की अचानक तबीयत बिगड़ गई। उसे तीन फरवरी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां से हालत गंभीर होने की वजह से उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।

सरकारी अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद भी आईडीएसपी युवक की मौत से बेखबर बनी रही। अब जाकर रैबीज से युवक की मौत होने का पता लगने के बाद कागजी खानापूरी की गई है। आईडीएसपी प्रभारी डॉ. मीसम अब्बास ने बताया कि टीम के सर्वे के दौरान भोजीपुरा में रैबीज से युवक की मौत होने की सूचना मिली है। उनकी टीम सभी सीएचसी से नियमित अपडेट लेती है। युवक को डेढ़ महीने पहले पालतू कुत्ते ने काटा था, उसे एआरवी की एक भी डोज भी नहीं लगी थी।

साल दर साल बढ़ रहा प्रकोप

जानवरों के इंसानों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक जिले में वर्ष 2023 में कुत्ते काटने के 76,389, बिल्ली काटने के 4,875, बंदर काटने के 18,158 और दूसरे जानवरों के काटने के 1191 मामले थे। इनकी कुल संख्या 1,00613 थी। वर्ष 2024 में कुत्ता काटने के 1,23,673, बिल्ली काटने के 10,214, बंदर काटने के 33,345 और दूसरे जानवरों के काटने के 2146 मामले रिकॉर्ड हुए। जिसके बाद कुल संख्या बढ़कर 1,69,378 पहुंच गई। लगातार हमले बढ़ने के कारण तीन सौ बेड अस्पताल के एआरवी सेंटर पर रोज दो सौ से ढाई लोग वैक्सीन लगवाने पहुंचते हैं।

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