उत्तर प्रदेशप्रयागराज

चैत मासे बोले रे कोयलिया, हो रामा मोरे अंगनवां

प्रयागराज २२ अक्टूबर

बीके यादव/ बालजी दैनिक

तू माने या न माने दिलदारा , सांसों के माला पे सिमरून माई पी का, ‘छाप तिलक सब छीन ली रे मोसे नैना मिलाय के’, दमादम मस्त कलंदर, तुम्हें दिलगी भूल जानी पड़ेगी ‘सानू एक पल चैन न आवै…..” जैसे सूफी गीतों ने दीपावली शिल्प मेले की छठवीं सांस्कृतिक संध्या को यादगार बनाया। प्रयागराज के संदीप एवं साथी कलाकारों ने गीत संगीत का अलग ही नजराना पेश किया। एनसीजेडसीसी (उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र) के शिल्प हाट में मंगलवार को दीपावली शिल्प मेले में देश भर से लाये गये शिल्प उत्पादों ने भी हजारों लोगों का ध्यान खींचा। मुक्ताकाशी मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत कंचन लाल यादव बिरहा गायन से की, जिसमें उन्होंने रामायण के प्रसंग को लोकगीत के माध्यम से, तथा कैकई द्वारा श्रीराम जी के वरदान मांगना को प्रस्तुत किया। दूसरी प्रस्तुति सात्विक मिश्रा एवं दल ने भजन गीत जगत में राम नाम है सार – कृष्ण कृष्ण नाम जपत मन मोरा ,⁠माई तेरा दीदार दीवाना पेश किया। इसके बाद रवि कुशावाहा एवं साथी कलाकारों ने नृत्य नाटिका के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर वृंदावन, मथुरा, द्वारका में घटित उनकी मुख्य लीलाओं को बहुत खूबसूरती से पेश किया। नृत्य-नाटिका ने दर्शकों के ह्दय में प्रेम रस की मिश्री घोली, जो दर्शकों के दिल को छू गया। कार्यक्रम के इस कड़ी में केंद्र द्वारा संचालित गुरु शिष्य परंपरा के तहत प्रशिक्षिका ममता शर्मा के निर्देशन में व्याख्या केंद्र वाराणसी के बच्चों द्वारा चैती गायन की प्रस्तुति दी गयी, जिसमें बच्चों ने गणेश वंदना गजानन कर दो बेड़ा पार आज हम…, चैत मासे बोले रे कोयलिया, हो रामा मोरे अंगनवां तथा लोकगीत रामजी लीहले जनमवां हो रामा चैत महीनवां की प्रस्तुति देकर श्रोताओं से खूब तालियां बटोरी। साथी कलाकारों में तबला पर संगीत कुमार, आर्गन पर दिलीप, ढोलक पर कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, अनिल कुशवाहा हारमोनियम पर प्रवीण मिश्रा सिंथेसिसर पर साथ दिया। कार्यक्रम का संचालन डा. रीता श्रीवास्तव ने किया।
शिल्प मेले में मंगलवार को विभिन्न राज्यों से लाये गये शिल्प उत्पाद, कपड़े, खानपान सामग्री ने लोगों को खूब लुभाया लोगों ने जमकर खरीददारी की। राजस्थानी जूतियों, राजस्थानी परिधानों, पं बंगाल से लाये गए हैंड मेड जूट के सामान और मध्य प्रदेश के लकड़ी के शिल्प कारीगरों ने लोगों का ध्यान अपने स्टाल की ओर खींच रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button