उत्तर प्रदेशप्रयागराज

श्री श्री उत्तर मध्य रेलवे रामलीला कमेटी के द्वारा रामलीला मंचन के छठे दिन लंका दहन के सीन का मंचन किया गया

आज श्री श्री उत्तर मध्य रेलवे रामलीला कमेटी के द्वारा रामलीला मंचन के छठे दिन लंका दहन के सीन का मंचन किया गया जिसमें हनुमान जी आकाश मार्ग से समुद्र को लांघना के लिए उड़ते हुए जाते हैं रास्ते में उनकी मुलाकात लंकानी नाम की राक्षसी से होती है जो उनको रोकने की कोशिश करती है और उससे उनका युद्ध होता है तत्पश्चात उसको मार कर हनुमान जी आगे बढ़ते हैं और लंका में पहुंचते हैं जहां पर उनकी मुलाकात विभीषण से होती है विभीषण जी से मिलने पर उनको बहुत प्रसन्नता होती है और आगे जाकर वह अशोक वाटिका में माता सीता को पेड़ के नीचे बैठे हुए देखते है उनको देखकर हनुमान जी राम जी के द्वारा दी गई मुद्रिका उनके पास गिरा देते हैं जिसको देखकर माता-सीता हैरान हो जाती हैं कि यह प्रभु की मुद्रिका यहां कैसे आई उन्हें लगा जैसे भगवान ने किसी को भेजा है या स्वयं यहां पर आए हुए हैं तत्पश्चात हनुमान जी स्वयं उनके सामने उपस्थित हो जाते हैं और प्रभु का सारा हाल माता को सुनते हैं इसके बाद हनुमान जी को भूख लग जाती है और वह माता से अशोक वाटिका में लगे हुए मीठे फलों को खाने की आज्ञा मांगते हैं माता सीता से आज्ञा लेकर वह अशोक वाटिका में पेड़ों पर लगे हुए हैं फलों को खाने लगते हैं और इस तरह से वह पूरी वाटिका उजाड़ देते हैं यह खबर जब रावण को पता चलती है तो रावण को बांध करके उनको अपने दरबार में बुलवाता है वहां पर हनुमान जी व रावण में काफी संवाद होता है तब रावण हनुमान जी को मारने की आज्ञा देता है तब दरबारी उनको समझते हैं कि भेजे हुए दूध को मारना पाप होता है अतः करने की बजाय उनकी पूछ पर आग लगाकर इनको छोड़ दिया जाए तत्पश्चात हनुमान जी की पूछ में आग लगा दी जाती है और हनुमान जी अपनी पूछ को लंबी करते जाते हैं ताकि पूरा वस्त्र और घी पूरा खत्म हो गया तब दरबारी ने हनुमान जी की पूंछ में आग लगाकर छोड़ दिया तत्पश्चात हनुमान जी ने अपनी पूंछ में लगी हुई आग से पूरी लंका को जलाकर राख कर दिया केवल एक विभीषण का घर छोड़कर बाकी सारी लंका जल गई और उसके बाद समुद्र में कूद कर अपनी आग बुझाई ।

इस मंचन में रावण के दरबार में नर्तकी का प्रवेश होता है और शुभेंदु राय के द्वारा बहुत ही सराहनीय नृत्य प्रस्तुत किया जाता है साथी रावण के अभिनव में अरविंद पांडे वह हनुमान के रोल में श्रीवास्तव जी ने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया

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