संस्कृत विषय की राज्यस्तरीय शैक्षिक नवाचार कार्यशाला हुई मेरठ में आयोजित
बलराम मौर्य/ बालजी दैनिक
अयोध्या धाम l अयोध्या जनपद से शिक्षा के क्षेत्र में संस्कृत विषय में अपने नवाचारों के उत्कृष्ट प्रस्तुतिकरण के लिए शिक्षिका इन्दु सम्मानित |
शैक्षिक नवाचार एशोसिएशन उo प्रo द्वारा संस्कृत विषय की राज्य स्तरीय शैक्षिक नवाचार कार्यशाला का आयोजन 1 दिसम्बर 2024 दिन रविवार को चैम्बर भवन मेरठ में किया गया | कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रोo मदन मोहन झा अधिष्ठाता शैक्षणिक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली , प्रोo वाचस्पति मिश्र – समन्वयक संस्कृत विभाग चौधरी चरण सिंह विश्व विद्यालय मेरठ ,श्री मनोजसिंह अध्यक्ष शैक्षिक नवाचार एशोसिएशन उo प्रo ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया | कार्यशाला में प्रदेशभर से आये नवाचारी शिक्षकों ने संस्कृत विषय के अपने-अपने नवाचारों को प्रस्तुत किया | राज्य स्तरीय संस्कृत विषय की कार्यशाला में पीo पीo टीo एवं टीo एलo एमo द्वारा अपने नवाचारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए श्रीमती इन्दु सहायक अध्यापिका कम्पोज़िट विद्यालय शुजागंज शिक्षा क्षेत्र रुदौली अयोध्या को प्रोo मदन मोहन झा अधिष्ठाता शैक्षणिक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली , प्रोo वाचस्पति मिश्र समन्वयक संस्कृत विभाग चौधरी चरण सिंह विश्व विद्यालय मेरठ ,ने प्रशस्ति पत्र तथा श्री मनोज सिंह अध्यक्ष शैक्षिक नवाचार एशोसिएशन उo प्रo ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया | श्रीमती इन्दु ने प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह पाकर अयोध्या जनपद को गौरवान्वित किया l कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रोo मदन मोहन झा ने कहा कि संस्कृत विषय की सफल कार्यशाला के लिए शैक्षिक नवाचार एशोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज सिंह व उनकी टीम बधाई के पात्र है | उन्होंने कहा की कार्यशाला में शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत किये गए नवाचारों को कक्षा – शिक्षण में लागू करे जिससे बच्चों को उसका लाभ मिल सके | प्रोo वाचस्पति मिश्र ने कहा कि संस्कृत के विकास में सभी के योगदान की महती आवश्यकता है , उन्होंने बड़े रोचक तरीके से संस्कृत के शब्दों की विशेषताओं को विस्तृत रूप से शिक्षकों के समझ प्रस्तुत किया और बताया कि यह एक हिन्द आर्य भाषा है तथा इसे देवभाषा भी कहा जाता है , यह भारत की सभ्यता की आधारशिला रही है और संस्कृत भाषा को हि सभी भाषाओं का आधार माना जाता है और विश्व की सबसे शुद्ध भाषा संस्कृत मानी जाती है | अंत में कार्यशाला आयोजक प्रदेश अध्यक्ष शैक्षिक नवाचार एशोसिएशन श्री मनोज सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया l